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जय श्री राम

रा = राधा + माँ = माधव

|| जय श्री राधा ||

यह दुनिया बहोत बड़ी है, इस दुनिया में अनेको लोंगो के अनेको सवाल होते है लेकिन एक ऐसा सवाल है जो हर किसी के मन में होता ही है. वह सवाल है " मैं खुश कैसे रहू ?". "क्या करू जिससे मुझे ख़ुशी मिले". तो इसी सवाल को गहराई के साथ हल करते है.

मैं खुश कैसे रहू ?

Image by Jill Wellington from Pixabay

यह दुनिया जीतनी टेक्नोलोजी में आगे बढती जा रही है उतनी खुश रहने के मामले में पीछे जा रही है. यह सब क्यों हो रहा है क्या हम जानते है ? हा" बिलकुल जानते है, लेकिन जानकर भी अनजान बने रहते है. क्योकि हमारी आँखों पर सोशल मिडिया, टीवी, मोबाइल की पट्टी लग गयी है और इसे निकालना बहोत मुश्किल होता जा रहा है. आज कल जिसे देखो चाहे वह बच्चा हो, बड़ा हो या बुढा, सब के सब टेक्नोलॉजी के नेट में फसते जा रहे है. इसी वजह से हम पहले जितने खुश नहीं रहते. टेक्नोलॉजी बुरी है ऐसा मेरा मानना नहीं है लेकिन इसका ज्यादा इस्तेमाल हमारे लिए हानिकारक है और इसकी लत लग जाने पर इससे छूटकरा पाना बड़ा मुश्किल काम बन जाता है. इसी सवाल को सुलझाने के लिए आगे लेख प्रस्तुत किया जा रहा है.

खुश रहने के लिए क्या करे ? 

१. मोबाइल से दूर रहे.

Image by Pexels from Pixabay
खुश रहने का सबसे आसान उपाय है INTERNET, मोबाइल, टीवी जैसे डिजिटल चीजो से जितना हो सके उतना दूर रहे, इन चीजो का उपयोग सिर्फ जरुरत पड़ने पर ही करे. खास करके मोबाइल में जरुरी सॉफ्टवेर ही रखे और बाकि सब अप्लिकेशन डिलीट कर दे. में भी यूट्यूब और इन्स्टाग्राम ज्यादा इस्तेमाल करता था इसलिए मैंने भी दोनोको डिलीट कर दिया. आजकल जो यूट्यूब शॉर्ट्स और रील्स है वे हमारा पूरा टाइम ख़त्म कर देती है और एक दिन इसे देखते देखते जीवन भी ख़त्म हो जायेगा, क्योकि ये छोटी विडिओ का कोई अंत ही नहीं दिखाई देता  इसलिए इन्हें देखना बंद करे.

२. परिवार के साथ समय बिताये. 

IMAGE FROM PIXABAY
खुश रहने के लिए अपने परिवार के साथ समय बिताये. हो सके तो हर ६ महीने में या १ साल के दौरान कही अच्छी जगह घुमने जाये. इससे ख़ुशी भी मिलेगी और परिवार के साथ सम्बन्ध और मजबूत बनेंगे. मोबाइल में गेम्स खेलने के बजाय अपने आँगन में या मैदान पर जाकर बैडमिंटन, कबड्डी, क्रिकेट इस तरह के खेल खेले जिससे हमारी मानसिक और शारीरिक शक्ति बढ़ेगी, हमें ख़ुशी मिलेगी.

३. अपनी कला का विकास करे.

Image by rawpixel from Pixabay
हमारे अन्दर भगवान् ने अनेको कलाए भरी है उनमे से किसी एक कला का विकास करने में जरुर ध्यान दे, जैसे किसीको गाना गाना पसंद होता है, किसीको नाचना पसंद होता है या किसीको लिखना पसंद होता है इस तरह की हर किसीमे कला होती ही है. इन कलाओंका विकास करके हम अच्छे खासे पैसे भी कमा सकते है.

४. भगवान् की भक्ति करे.

Image by suyinorlowski from Pixabay
भगवान की भक्ति करे, इससे हमारे मन की मलिनता दूर होती है, हमें सच्चा सुख मिलता है. हर दिन भगवान के लिए समय निकाले, उस समय में भगवान् का नामजप करे, उनकी कथा सुने या पढ़े, उनकी पूजा करे. हम सब कार्य करे यह जरुरी नहीं है बस जो कार्य करे उसे पुरे मन से करे, भगवान् इतने में ही खुश हो जायेंगे.

इन उपायों का इस्तेमाल करके हम खुश भी रहेंगे और जीवन का समय भी सार्थक हो जायेगा.

TRANSLATION 
|| Jai Shri Radha ||

This world is vast, and many people have many questions, but there's one question that's on everyone's mind. That question is, "How do I stay happy?" "What should I do to make me happy?" So, let's delve into this question.

How do I stay happy?

The more this world advances in technology, the more it lags behind in happiness. Do we know why this is happening? Yes, we know it, but even after knowing it, we remain ignorant. Because social media, TV, and mobile phones have blindfolded us, and it's becoming increasingly difficult to remove them. Nowadays, everyone, whether young, old, or old, is caught in the web of technology. This is why we're not as happy as we used to be. I don't believe technology is bad, but its excessive use is detrimental to us, and once we become addicted, it becomes very difficult to break free. The following article is presented to address this question.

What to do to be happy?

1. Stay away from mobile phones.

The easiest way to be happy is to stay as far away from digital devices like the internet, mobile phones, and TV as possible. Use them only when necessary. Especially, keep only essential software on your mobile phone and delete all other applications. I used to use YouTube and Instagram excessively, so I deleted both. These days, YouTube Shorts and Reels are our entire entertainment. It kills time, and one day, watching it will kill your life, because there seems to be no end to these short videos, so stop watching them.

2. Spend time with your family.

Spend time with your family to stay happy. If possible, go on a trip to a nice place every six months or a year. This will bring you happiness and strengthen your relationships with your family. Instead of playing games on your mobile phone, go to your courtyard or to the playground and play sports like badminton, kabaddi, or cricket. This will increase your mental and physical strength and bring you happiness.

3. Develop your talents.

God has filled us with many talents. Focus on developing one of them. For example, some people like to sing, some like to dance, or some like to write. Everyone has such talents. By developing these talents, we can earn a good amount of money.

4. Worship God.

Worship God; this will fulfill our innermost desires. Impurities are removed, and true happiness is found. Take time for God every day; chant His name, listen to or read His stories, and worship Him. It's not necessary that we do everything; we simply do it with all our heart; God will be pleased with just that.

Using these methods will make us happy and our lives meaningful.

|| Jai Sree Radha ||

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|| जय श्री राधा || 

2026 में पैसे कमाना हो तो हमें कंटेंट क्रिएट करना सीखना होगा. आज के समय में सिर्फ मेहनत करके हम अपने सपने पुरे नहीं कर सकते. आज कल जिसका जितना बड़ा नेटवर्क होता है वह उससे ज्यादा नेटवर्थ (संपत्ति) बना सकता है. नेटवर्क बनाने के लिए सबसे बेस्ट उपाय है कंटेंट क्रिएट करना यानि यूट्यूब पर रेगुलर विडियो बनाकर डालना, इन्स्टाग्राम पर अच्छी रील डालकर अपने फोल्लोवर बढ़ाना, ब्लोगिंग करना या ऐसा कुछ बनाना जो कामका हो जिसे सब लोग इस्तेमाल कर सके, इस तरह हम अपना नेटवर्क बड़ा करके अच्छी इनकम जनरेट कर सकते है.

Image by Wilfried Pohnke from Pixabay


शुरू कहा से करे ?

किसीभी काम की शुरुआत उसे सोचने से होती है. सबसे पहले जाने की मेरे अन्दर क्या कला है, मेरा क्या करने का मन है, किस कामको में बेहतर तरीके से कर सकता हु. यह सब जानने के बाद ज्यादा समय न गवाते हुए उस काम को जैसे हो वैसे करना शुरू कर दे. जिस तरह हम उस काम को नियमितता से करने लगते है वैसे वैसे हम उस काम में बेहतर होते चले जाते है और साथ में इनकम का भी ग्रोथ होने लग जाता है. समय हमेशा एक जैसा नहीं रहता उसी तरह हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए, कुछ भी हो हमें प्रयास करते रहना चाहिए तभी हम अपने काम में सफलता प्राप्त कर सकते है. बहोत से लोग सफल होने के बाद मेहनत करना छोड़ देते है और फिर जहासे उन्होंने शुरू किया था वही आ जाते है. इसलिए हमेशा कोशिश करते रहो, कल जो किया था उससे अच्छा करते रहो तभी लम्बे समय तक हम सफलता के आसमान में उड़ सकते है बाकि गिरने को कोई समय नहीं लगता. गिरना आसान है लेकिन गिर कर वापस खड़े होने में समय लगता है. इसलिए अपने काम को पुरे जोश के साथ करते रहो.

नए आइडियास कहासे लाये ?

जैसे जैसे समय बीतता जा रहा है वैसे वैसे लोगों की सोच में परिवर्तन आ रहा है. जो काम करने में पहले के समय में ज्यादा समय लगता था वही काम आज हम कम समय में आसानीसे कर लेते है क्योकि हमने नए आइडियास पर काम किया तभी यह सब हो रहा है. आज के समय में वही व्यक्ति धनवान है जिसने काम करने को आसान बना दिया. पहले हमें खाना खाने के लिए होटलों में जाना पड़ता था लेकिन वही खाना कुछ मिनीटो में हमारे घर तक आ जाता है यह तभी हुआ जब काम को आसान बना दिया. इस तरह के नए आइडियास पाने के लिए हमें अपनी लाइफ में देखना होगा की हमें कोनसा कार्य करने में ज्यादा समय लग रहा है, में इसे कम समय में कैसे करू, इसके बारे में गहन विचार करके हम अपना कार्य आसान बना सकते है और दूसरों को सिखाकर अच्छी इनकम भी बना सकते है.

क्या कोई काम शुरू करने के लिए पैसो की जरुरत होती है ?

हा, बिलकुल होती ही है. आजकल बिना पैसो के खून के रिश्ते भी नहीं टिकते. अगर हमें पैसा कमाना है तो सबसे पहले उसे देना ही पड़ेगा क्योकि बिना बिज के पौधा नहीं उगता उसी तरह बिना पैसे खर्च किये पैसे कमाना मुश्किल है. एक अच्छी नोकरी पाने के लिए हम १२ से १५ साल पढ़ते है तब जाके हमें कोई नोकरी मिलती है. उसी तरह हमें कोईभी व्यापार करना हो या कोई भी काम की शुरुआत करनी हो पैसे तो खर्च करने ही पड़ेंगे.

कौन हमें जल्दी सफलता दिलवा सकता है ?

भगवान् ही है जो हमें अपनी मंजिल पर जल्दी पोहंचा सकते है. हम जितना ध्यान धन (लक्ष्मी) कमाने में लगाते है  उतना ध्यान हम लक्ष्मीपति नारायण पर लगाये तो हमें धन तो मिलेगा ही, लेकिन सुकून शांति भी मिलेगी. हमने आज कल देखा होगा की जो लोग भक्ति करते है वे सुखी है और जो लोग भगवान् की निंदा (अपमान) करते है वे दुखी है. यह दुनिया भगवान् ने बनाई है, इसे चलाने और मिटाने वाले भगवान् ही है जैसे हम किसी कंपनी में काम करते है और उसी कंपनी के मालिक को हम भला बुरा कहेंगे तो क्या वह हमें काम पर रखेगा बिलकुल नहीं, और हमारी आर्थिक स्थिति भी ख़राब हो जाएगी. इसलिए हमें हर दिन भगवान् को याद करना चाहिए, उनका नाम जपना चाहिए, हो सके तो उनकी मंगलमयी कथा सुननी चाहिए जिससे हमारा मलिन मन साफ होगा ही और जिससे भगवान् खुद हमारे ह्रदय मंदिर पर विराजने लगते है. इसलिए भगवान् की भक्ति बहोत जरुरी है हर साँस की तरह.

|| जय श्री राधा ||

TRANSLATION
|| Jai Shri Radha ||

If we want to earn money in 2026, we need to learn to create content. In today's world, we can't fulfill our dreams through hard work alone. The larger the network, the greater the net worth. The best way to build a network is to create content. Regularly uploading videos to YouTube, increasing your followers by posting good Instagram reels, blogging, or creating something useful that everyone can use, we can expand our network and generate a good income.

Where to start?
Any work begins with thinking about it. First, figure out what talents you possess, what you want to do, and what tasks you can do best. After knowing all this, start working on it as you please. As we practice it regularly, we become better at it, and our income also begins to grow. Time doesn't always remain the same, and similarly, we should never give up. No matter what, we must keep trying. Only then can we achieve success in our work. Many people stop working hard after achieving success and end up back where they started. Therefore, always keep trying, keep doing better than what you did yesterday. Only then can we soar in the sky of success for a long time. Otherwise, falling doesn't take much time. It's easy to fall, but it takes time to get back up. So, keep doing your work with full enthusiasm.

Where do you get new ideas?
As time passes, people's thinking is changing. The tasks that used to take a lot of time to complete are now easily done in less time because we have worked on new ideas. In today's times, only those people are rich who make work easy. Earlier, we had to go to hotels to eat, but the same food now reaches our doorsteps in minutes. This only happened when work was simplified. To get new ideas like this, we need to look at our own lives and see which tasks are taking us the longest. By thinking deeply about how to do them in less time, we can simplify our work and even generate a good income by teaching others.

Does money need to start any business?

Yes, it certainly does. Nowadays, even blood relations cannot survive without money. If we want to earn money, we must first give it away, because a plant cannot grow without a seed. Similarly, earning money without spending money is difficult. To get a good job, we study for 12 to 15 years before we get one. Similarly, if we want to start any business or start any venture, we will have to spend money.

Who can help us achieve success quickly?

Only God can quickly take us to our destination. If we focus as much attention on Lakshmipati Narayan as we do on earning wealth (Lakshmi), we will not only gain wealth but also peace and tranquility. We may have noticed these days that those who practice devotion are happy, while those who criticize (insult) God are unhappy. This world was created by God; it is God who runs and destroys it. Just as if we work in a company and we speak ill of the owner, will he not hire us? Our financial situation will also deteriorate. Therefore, we should remember God every day, chant His name, and if possible, listen to His auspicious stories, which will not only cleanse our impure minds but will also allow God to reside in the temple of our hearts. Therefore, devotion to God is as important as every breath.

|| Jai Shri Radha ||
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 || जय श्री राधा ||

परिवार उसे कहते है जिसमे प्रेम हो. पहले के समय में परिवार बड़े होते थे, उसमे माता पिता,दादा दादी,चाचा चाची, बच्चे होते थे. आज के समय में परिवार बिखर रहे है, क्यों ?, आज हम देख रहे है की शादी के बाद बच्चे अपने ही माता पिता के साथ रहना नहीं चाहते, क्यों? इसीके बारे में हम आज के ब्लॉग में जानने वाले है.

Image by 1tamara2 from Pixabay


जैसे जैसे समय आगे बढ़ रहा है वैसे ही लोगों की सोच बदल रही रही, लोगों का काम करने का तरीका बदल रहा है. जो इन्सान पहले सारे काम खुद अपने हाथो से करता था या जानवरों की सहायता से करता था वही आज लगभग मेरे हिसाब से 90 % काम मशीन से हो रहा है.

परिवार की जो नीव है वह है एक देवी जिसे हम माँ, बहन, बेटी, पत्नी के रूप में देखते है. जब यह नीव कमजोर होती है तब परिवार बिखरता है. परिवार में पता है पहला अक्षर "प" ही क्यों है क्योकि जगत जन्ननी देवी माँ का नाम पार्वती है, जो अपने पूर्ण शिव परिवार की देखभाल करती है. वैसे ही जब एक देवी अपने परिवार को अपना समझकर उसका ध्यान रखती है तब परिवार एकजुट रहता है.

परिवार क्यों बिखर जाता है ?

जब माँ बाप अपने बच्चे की शादी करते है तब जो नयी दुल्हन घर में आती है तब वह उस परिवार को अपना नहीं समझ पाती, वह सिर्फ समझती है की मेरा पति ही बस मेरा है बाकि कोई नहीं, तब परिवार अलग हो जाता है. इसमे सिर्फ उस लड़की की गलती नहीं होती, कभी कभी जो उसके सास ससुर होते है वे उसे नहीं समझ पाते. देखो आज के मॉडर्न ज़माने में सारी लडकीयाँ सिर्फ घर का काम संभाले जरुरी नहीं. आज की नारी शक्ति देश को सम्भालनेकी की शक्ति रखती है और संभाल भी रही है. आज क्या हो गया है न की हम सोचते है की जो हमारी बेटी, बहु, पत्नी है, वह सिर्फ घर का काम करे, बहार न जाये यही सोच परिवार को अलग कर देती है. लेकिन आज की बेटिया पढ़ी लिखी है, समझदार है वो सोचती है की में भी अपने परिवार की आर्थिक सहायता करू जिससे पुरे परिवार का जीवन बेहतर हो सके, इस सोच में गलत ही क्या है, कुछ नहीं ?, लेकिन जैसा की मैंने पहले कहा की नारी परिवार की नीव है, जब वह यह सोचती है की में सिर्फ काम करुँगी परिवार पर ध्यान नहीं दे सकती तब परिवार अलग हो जाता है. 

परिवार को एक साथ कैसे रखे ?

परिवार को एकसाथ रखने के ३ नियम है जो निचे दर्शाए है.
१. परिवार में प्रेम होना चाहिए.
२.परिवार में बच्चों की सही परवरिश होनी चाहिए. 
३.परिवार में भगवान् की भक्ति होनी चाहिए.
इन नियमों के बारे में विस्तृत जानकारी लेते है.

१. परिवार में प्रेम होना चाहिए.

प्रेम ही जीवन का आधार है. प्रेम के लिए ही सब जी रहे है. प्रेम के बिना सब अधुरा है तो परिवार कैसे पूरा हो सकता है. इसलिए परिवार में प्रेम होना जरुरी है. प्रेम में जब कोई किसीको डांट भी देता है तो वह डांट भी गुलाबजामुन से मीठी लगती है वही अगर प्रेम न हो तो वही डांट काँटों की तरह चुभती है. और इस कांटे से जितना दूर हो सके हम उतना दूर जाने की कोशिश करते है यानि परिवार से अलग हो जाते है इसलिए परिवार में प्रेम होगा तो गुलाबजामुन जैसी डांट को भी हम ख़ुशी के साथ खा लेते है. 

२.परिवार में बच्चों की सही परवरिश होनी चाहिए.

परवरिश से ही परिवार बनता है, अगर परवरिश सही ना मिले तो परिवार बन ही नहीं सकता. बच्चे जब माँ के गर्भ में होते है तब से बच्चो पर संस्कार होने शुरू हो जाते है वे सीखना चालू कर देते है. हिरान्यकशिपू राक्षस था लेकिन उसकी पत्नी का जब गर्भ रहा तब उसे भगवान् की कृपा से नारदमुनी द्वारा भगवान् की कथा सुनने को मिली, भगवान् की भक्ति करने को मिली तब जाके प्रल्हाद जैसा महान भक्त का प्रादुर्भाव (जन्म) हुआ. जिन्होंने अपने आप का तथा पूर्ण कुल का मंगल किया. एक अच्छी परवरिश ही एक महान देशभक्त को जन्म देती है जो पूर्ण देश को सम्पन्नता से भर देता है, देश को महान बनता है. 

३.परिवार में भगवान् की भक्ति होनी चाहिए.

भगवान् की भक्ति हर स्थिति में जरुरी है. हम भारत देश में जन्मे है यह हमारा सौभाग्य है. क्योकि यही वह देश है जहा सूर्य को SUN नहीं बल्कि सूर्यभगवान्, सूर्यनारायण कहा जाता है. यानि हमारे देश की शुरुआत ही भगवान् से होती है. जिस तरह सूर्यनारायण सारे ग्रहों, पूर्ण सौरमंडल को अपने गुरुत्वाकर्षण बल से एकसाथ बांधे रखता है उसी तरह भगवान् की भक्ति करनेवाला पूर्ण परिवार को एकसाथ रखता है. भक्ति में इतनी शक्ति होती है की वो भगवान् से मिला देती है तो वह परिवार को बिखरने कैसे देगी. क्योकि जाने अनजाने हम और किसीके साथ नहीं बल्कि भगवान् के साथ ही रहते है, उन्हें हर दिन देखते है, उनके साथ खाते है, उन्हीका ध्यान रखते है बस हमारे अन्दर भक्ति की कमी है. जब हमें पता चल जायेगा की भगवान् हर जगह व्याप्त है, वे ही हमारे माता पिता बनकर हमारा ध्यान रखते है, हमारी परवरिश करते है, वे ही हमारे बच्चे बनकर हमारे साथ खेलते है, वे ही हमारा जीवनसाथी बनकर हमें हर तरह से खुश रखने का प्रयत्न करते है. हम एक भगवान की मूर्ति को उनकी तस्वीर को भगवान् मान सकते है तो क्यूँ न हमारे आसपास जो भी जीवित है उनको ही भगवान् की दृष्टी से देंखे. इस तरह हम अपने परिवार में ही भगवान् देखना शुरू करते है तब परिवार मजबूत बनता है जिसे कोई अलग नहीं कर सकता.

|| जय श्री राधा ||   

TRANSLATION 

|| Jai Shri Radha ||

A family is one where there is love. In earlier times, families were large, consisting of parents, grandparents, uncles, aunts, and children. Today, families are falling apart. Why? We see that after marriage, children don't want to live with their own parents. Why? We'll explore this in today's blog.

As time progresses, people's thinking is changing, and so is their way of working. Previously, humans used to do all the work themselves or with the help of animals. Today, in my opinion, almost 90% of the work is done by machines.

The foundation of a family is a goddess, whom we see as a mother, sister, daughter, and wife. When this foundation is weak, the family disintegrates. Do you know why the first letter of "family" is "P"? Because the name of the Mother Goddess, the Mother Goddess, is Parvati, who takes care of her entire Shiva family. Similarly, when a goddess considers her family her own and takes care of it, the family remains united.

Why do families fall apart?
When parents marry off their child, the new bride doesn't see the family as her own. She only thinks her husband is hers, no one else. Then the family falls apart. This isn't just the girl's fault; sometimes her in-laws don't understand her. Look, in today's modern times, it's not necessary for all girls to just handle household chores. Today's women have the power to take care of the country and are doing so. What has happened today is that we think that our daughter, daughter-in-law, or wife should only do household chores and not go out. This thinking tears families apart. But today's daughters are educated and intelligent. They think that they should also contribute financially to their families so that their lives can improve. What's wrong with this thinking? Nothing. But as I said earlier, women are the foundation of the family. When they think that they will only work and cannot pay attention to the family, the family falls apart.

How to keep a family together?
There are three rules for keeping a family together, which are shown below.
1. There must be love in the family.
2. Children must be raised properly in the family.
3. There must be devotion to God in the family.
Let's take a detailed look at these rules.


1. There must be love in the family.

Love is the foundation of life. Everyone lives for love. Without love, everything is incomplete, so how can a family be complete? Therefore, it is important to have love in the family. When someone scolds someone out of love, even that scolding feels sweeter than a gulab jamun. However, if there is no love, the same scolding stings like thorns. We try to stay as far away from these thorns as possible, meaning we separate ourselves from our family. Therefore, if there is love in the family, we happily accept even the scolding that is like a gulab jamun.

2. Children should be raised properly in the family.

Families are formed through upbringing; if they are not properly nurtured, they cannot be formed. Children begin to develop values ​​and learn from the moment they are in their mother's womb. Hiranyakashipu was a demon, but when his wife was pregnant, by God's grace, she was able to hear the stories of God from the sage Narad and was inspired to worship Him. Only then was a great devotee like Prahlad born, who brought good fortune to himself and his entire family. Only a good upbringing gives birth to a great patriot who fills the entire country with prosperity and makes it great.

3. Devotion to God should be present in the family.

Devotion to God is essential in every situation. We are fortunate to have been born in India, because this is the country where the Sun is not called SUN, but Suryabhagwan, Suryanarayan. This means that our country begins with God. Just as Suryanarayan holds all the planets, the entire solar system, together with his gravitational force, similarly, a devotee of God holds the entire family together. Devotion has so much power that if it unites one with God, how can it allow a family to fall apart? Because knowingly or unknowingly, we live with God, not with anyone else. We see Him every day, eat with Him, and take care of Him. We simply lack devotion. When we realize that God is everywhere, that He cares for us as our parents, nurtures us, plays with us as our children, and strives to keep us happy in every way as our life partner, we can consider an idol or a picture of God as God, so why not view all living beings around us as God? In this way, we begin to see God within our own family, and then the family becomes strong, unbreakable.

|| Jai Shri Radha ||
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|| जय श्री राधा ||

हम कैसे सफल हो सकते है ?

Image by Gerd Altmann from Pixabay

हमारे असफल होने का सबसे बड़ा कारन है हमारे जीवन में निरंतरता का न होना. जिस भी काम को हम कर रहे है उसे लगातार करना ही सफलता का मूल सिद्धांत है. जैसे की हम नोकरी कर रहे है तो कंपनी के मालिक ने हमें इसलिए काम के लिए रखा है की हम हर दिन उसके लिए काम पर आये और सारा काम समय पर कर के दे. अगर हम एक दिन काम पर जाये दुसरे दिन न जाये फिर तीसरे दिन जाये और चौथे दिन न जाये तो क्या कंपनी का मालिक या मेनेजर हमें काम पर रखेगा तो उत्तर है नहीं, बिलकुल नहीं. यानि साधारण नोकरी करने में भी हमें निरंतरता रखनी पड़ती है तब जाके हमें तनख्वा या सैलरी मिलती है. तो क्यों न  खुदके सपने पूरा करने के लिए जिस काम को हमने चुना है क्यों न उसी काम को निरंतरता और पूरी इमानदारीसे करे. जब हम इस तरह काम करने लग जायेंगे तभी हम अपने सपने पुरे कर सकते है. नोकरी सिर्फ जरूरते पूरी करती है लेकिन सपना पूरा करने के लिए हमें खुदका मालिक खुद बनना पड़ेगा दूसरा कोई रास्ता नहीं है. देखो एक दिन में सबकुछ नहीं होता उसके लिए हमें छोटे छोटे कदम उठाने पड़ते है. सबसे पहले तो हमें अपने अन्दर ढूँढना पड़ेगा की हमारे अन्दर क्या क्या खुबिया है. उस कला (खूबी) को पहचानने के बाद उसे हमें तराशना होता है. जब कोई हीरे की खान में से हिरा निकालता है तब वह सिर्फ एक चमकीला पत्थर होता है लेकिन जब उसे तराशा जाता है तब जाके वह बेशकीमती हिरा कहलाता है. उसी तरह दोस्तों अगर हमने अपने अन्दर के हुनर को पहचाना नहीं, उसे तराशा नहीं तो हम जिंदगी भर नोकरी करते रह जायेंगे. दुनिया बहोत खुबसूरत है उसे देखने, घुमने के लिए हमें पैसा चाहिए, उतना पैसा शायद ही किसी नोकरी वाले के पास हो, नोकरी करना गलत है यह में नहीं कहता, में कहता हु की नौकरी करो लेकिन जिंदगी भर नहीं. आगे बढ़ो नयी चीजे सिंखो, खुदके ऊपर काम करो, खुदको बेहतर बनाओ ताकि हम एक अच्छी इनकम बना पाए. इनकम कमाने के साथ भगवान् का भी हमारे जीवन में होना उतना ही जरुरी है जितना एक इन्सान के लिए साँस लेना. क्योकि पैसों से हम सोने की चैन खरीद सकते है लेकिन चैन से सोने के लिए मन के अन्दर भगवान का होना जरुरी है. इसलिए हम चाहे कोई भी काम करे हमें हर दिन कोशिश करनी चाहिए की हम भगवान् की उनके भक्तो की कथा सुने, भगवान् का मंगलमय नाम जप करे.

हमारे असफल होने के कारन 

१. निरंतरता का न होना 
२. आलस करना 
३. समय व्यर्थ करना 
४. बुरी संगत में रहना 
५. भगवान् की भक्ति न होना 

चलिए सबके बारे में विस्तृत जानकारी लेते है.

१. निरंतरता का न होना 

Image by Faris Hamza from Pixabay
जैसा की हमने ऊपर दिए गए लेख में पढ़ा की निरंतरता होना जरुरी है. बहोत सारे क्रिएटर्स यानि यूट्यूब पर विडिओ बनाने वाले या ब्लोगिंग करने वाले या और कोई काम करने वाले सफल क्यों है ? क्या आपको पता है ? चलो में बताता हु. वे कुछ नया नहीं कर रहे बस उनका काम करने का तरीका अलग है और वे हर दिन अपना काम पूरी ईमानदारी से और निरंतरता के साथ करते है. बहोत सारे सीरियल्स ऐसे है जिनमे कुछ खास नहीं होता फिर भी हम जैसे लोग उन्हें देखते है क्योकि उनमे निरंतरता है. निरंतरता होने से ही वे चलते है और अच्छा पैसा कमाते है. लेकिन हम जैसे लोग उन्हें देखते रह जाते है और अपने जीवन में क्या करना चाहिए जिससे हमारा जीवन बेहतर खुशहाल हो सके, वो नहीं कर पाते. जितने भी सफल लोग है चाहे वे किसी भी फिल्ड में हो उनमे एक आदत होती ही है, वो है निरंतरता. हमें सफल होने से कोई नहीं रोक सकता हमारे खुदके अलावा. इसके लिए खुदको डिसिप्लिन रखना होता है. 

२. आलस करना 

Image by Pavellllllll from Pixabay
दोस्तों आलस हमारा बहोत बड़ा शत्रु है. इससे जितना हो सके उतना बचके रहना चाहिए. आलस सिर्फ हमें  असफल नहीं बनता बल्कि हमारे शरीर को भी अस्वस्थ बना देता है. आलस मतलब जीवन का अंत. जीना है, जीवन में कुछ बड़ा करना है तो आलस को दूर करना ही पड़ेगा. इसे दूर करने के लिए हमें हर दिन व्यायाम करना होता है. जो भी काम हम कर रहे है उसे बिना ठाले उसी समय कर देना चाहिए इससे हमें आलस भी नहीं आएगा और हमारा काम भी समय से पूर्ण हो जायेगा. ज्यादा खाना खाने से भी आलस आता है, इसलिए समय पर जितना हमारे शरीर को स्वस्थ रहने के लिए जरुरी हो उतना ही हमें खाना खाना चाहिए.  अक्सर खाना खाने के बाद नींद आती है, आलस आता है, उसके किये हमें खाने के कुछ समय बाद टहलना चाहिए, जिससे हमें नींद भी नहीं आएगी और खाने का पाचन भी अच्छे से हो जायेगा. 

३. समय व्यर्थ करना

Image by xaviandrew from Pixabay
समय का सदुपयोग ही हमें सफल बना सकता है. समय व्यर्थ करना मतलब जीवन व्यर्थ करना. आज के डिजिटल  समय में समय का सदुपयोग करना बड़ा मुश्किल काम हो गया है. पहले दादा परदादा के समय में इन्टरनेट, मोबाइल जैसी डिजिटल वस्तुए नहीं थी तो बच्चे बहार खेल खेलते थे, बड़े लोग खेती का काम करके एकसाथ बैठते थे, अपने अपने जीवन की चर्चा करते थे, भगवान् का भजन करते थे लेकिन समय के साथ सबकुछ बदल गया, आज के बच्चे, बड़े, बूढ़े सब मोबाइल में अपना समय ख़राब कर रहे है. मोबाइल बहोत काम की वस्तु है लेकिन उसके दुर्गुण भी है जैसे हमें जो नहीं देखना चाहिए वो भी देखते है, ज्यादा मोबाइल इस्तेमाल करने से हमारी आँखों पर, हमारे दिमाग और शरीर पर भी इसका गहरा असर पड़ता है. इसलिए समय का सदुपयोग करने के लिए मोबाइल का कम इस्तेमाल करे, जिन आप्लिकेशन का हम ज्यादा इस्तेमाल करते है उन्हें डिलीट कर दे. टीवी कम देखे या देखना बिलकुल बंद कर दे. जो हमारे पास समय बचता है, उस समय में कुछ क्रिएटिव करने का काम करे. कोई कला सीखे, मैदान में खेले जाने वाले खेल खेले, इससे हमारे समय का सदुपयोग भी हो जायेगा और हम स्वस्थ भी रहेंगे. 

४. बुरी संगत में रहना

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असफल होने एक मुख्य कारन बुरी संगत भी है. हम जिनके साथ रहते है वैसे ही बन जाते है. अगर हमें सफल बनना हो तो सफल लोगो के साथ रहना पड़ेगा, उनकी किताबे पढ़ना पड़ेगा. आज के युग में सफल होना आसान है बस हमें अपने आप को बुरी संगत से बचाकर रखना होगा. पानी को ऊपर से गिरने के लिए कोई ज्यादा परिश्रम नहीं करना होता लेकिन उसी पानी को निचे से ऊपर लाने के लिए मोटर का सहारा लेना पड़ता है उसी तरह दोस्तों जीवन में सफल होने के लिए हमारे जीवन में गुरुदेव का होना जरुरी होता है. जिस लक्ष को हम पाना चाहते है उसी लक्ष को ईमानदारी से जिसने पा लिया है वह हमारा गुरु बन सकता है. क्योकि वही हमें सही ज्ञान देगा की क्या करने से हम सफल हो सकते है.  इसलिए दोस्तों जीवन में गुरुदेव बनाना जरुरी है.

५. भगवान् की भक्ति न होना

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इस दुनिया में जो कुछ भी है भगवान् की देन है. हमने सबकुछ पा लिया लेकिन भगवान् को नहीं पाया मतलब कुछ नहीं पाया. जीवन में पैसो का होना आवश्यक है लेकिन सच्चा आनंद हमें सिर्फ भगवान् ही दे सकते है. क्योकि जिस आनंद को हम पैसे से खरीदते है वह कुछ समय के लिए होता है लेकिन जिसका मन भगवान् में रम गया हो उसके आनंद का कोई ठिकाना नहीं होता. जीवन में मरना तय है, कुछ और हो न हो, जीने के लिए हम हर वह सामग्री जमा करते है जैसे घर, खाना, कपडे और भी चीजे जो हमें जरुरी है. लेकिन मरने के बाद का क्या ? कोई सोचता है? की हमारा क्या होता होगा ? चलो में बता देता हु, में कोई ज्ञानी नहीं हु लेकिन मैंने जो अपने गुरुदेव से सुना है बस वही बात बता रहा हु. जो भी हम जीतेजी कर्म करते है उसमे से कुछ कर्म हम इस पृथ्वी पर भोगते है, बाकि बचे कर्म के हिसाब से हम या तो स्वर्ग जाते है या नरक. अगर हमने अच्छे कर्म किये है तो हम स्वर्ग में जाकर उसका आनंद लेते है और जब हमारे अच्छे कर्म का हिसाब पूरा होता है तो फिरसे हमारा जन्म होता है ठीक उसी तरह बुरे कर्म का फल हमें नरक में भुगतना पड़ता है, उसके बाद फिरसे जन्म. इस तरह का क्रम चलता रहता है. हम इन्सान की योनी में जन्मे है, हमें इस जन्म मृत्यु के खेल से बहार निकलकर भगवान् को पाना है. जो भगवान् को पा लेता है उसका फिर जन्म नहीं होता, अगर हो भी जाये तो वह भगवान् को नहीं भूलता, उसे भगवान् ने जिस कार्य के लिए भेजा होता है वह कार्य संपन्न करके वह पुनह भगवान् के धाम में प्रवेश पा लेता है. उसे वह न तो दुःख होता है न ही कोई चिंता बस भगवान् में मन लगाकर वह भगवद स्वरुप हो जाता है.

|| जय श्री राधा ||

|| Jai Shri Radha ||
How can we succeed?
The biggest reason for our failure is the lack of consistency in our lives. The fundamental principle of success is to continue whatever work we do. For example, if we're working, the company owner has hired us to come to work every day and complete all the tasks on time. If we go to work one day, then don't go the next, then go the third day, and then don't go the fourth day, will the company owner or manager still hire us? The answer is no, absolutely not. That is, even in ordinary jobs, we have to maintain consistency before we receive a salary. So, to fulfill our dreams, why not work consistently and honestly in the work we've chosen? Only when we start working in this way can we fulfill our dreams. A job only fulfills our needs, but to fulfill our dreams, we must become our own master; there's no other way. Look, everything doesn't happen overnight; we have to take small steps. First, we have to discover our inner strengths. After recognizing those strengths, we have to hone them. When someone extracts a diamond from a mine, it's just a shiny stone, but only when it's polished does it become a priceless gem. Similarly, friends, if we don't recognize and hone our inner talents, we'll be stuck working all our lives. The world is beautiful, and to see and travel, we need money. Hardly anyone with a job has that much money. I'm not saying that working is wrong; I'm saying work, but not for life. Move forward, learn new things, work on yourself, and improve yourself so that we can earn a good income. Along with earning income, God's presence in our lives is as important as breathing. Because money can buy us a gold chain, but to sleep peacefully, it's essential to have God in our hearts. Therefore, no matter what we do, we should strive every day to listen to the stories of God and His devotees and chant His auspicious name.

Reasons for our failure:
1. Lack of consistency
2. Laziness
3. Wasting time
4. Being in bad company
5. Lack of devotion to God

Let's take a closer look at each.

1. Lack of consistency
As we read in the article above, consistency is essential. Why are so many creators—those who make videos on YouTube, blog, or do other work—succeed? Do you know? Let me explain. They're not doing anything new, they just have a different approach, and they do their work every day with complete honesty and consistency. There are many serials that don't have anything special, yet people like us watch them because they have continuity. It's because of continuity that they run and make good money. But people like us keep watching them and fail to realize what we should do to make our lives better and happier. All successful people, no matter what field they are in, have one habit: consistency. No one can stop us from achieving success except ourselves. To achieve this, we need to maintain self-discipline.

2. Laziness
Friends, laziness is our biggest enemy. We should avoid it as much as possible. Laziness not only makes us unsuccessful but also makes our body unhealthy. Laziness means the end of life. If we want to live and achieve something great in life, we must overcome laziness. To overcome it, we need to exercise every day. Whatever work we are doing, do it at the same time without any delay. This will prevent laziness and ensure that our work is completed on time. Eating too much also leads to laziness, so we should eat only as much as our body needs to stay healthy. Often, we feel sleepy and lazy after eating. Therefore, we should take a walk some time after eating. This will prevent sleepiness and ensure proper digestion of food.

3. Wasting Time
Only the proper use of time can make us successful. Wasting time means wasting life. In today's digital age, making good use of time has become a very difficult task. In the times of our ancestors, when digital devices like the internet and mobile phones did not exist, children would play outside, and adults would sit together after farming, discuss their lives, and sing hymns to God. But with time, everything has changed. Today's children, adults, and the elderly are all wasting their time on their mobile phones. Mobile is a very useful thing but it also has its disadvantages like we watch things which we should not watch, excessive use of mobile has a deep impact on our eyes, our brain and our body. Therefore, to make good use of time, use mobile less, delete the applications which we use more. Watch TV less or stop watching it altogether. Whatever time we have left, do something creative in that time. Learn some art, play outdoor games, this will make good use of our time and we will also remain healthy.

4. Bad company
Bad company is a major cause of failure. We become like those we surround ourselves with. If we want to be successful, we must associate with successful people and read their books. In today's world, success is easy, but we must protect ourselves from bad company. Just as water doesn't require much effort to fall from above, but to bring it up from below, we need a motor. Similarly, friends, to be successful in life, it is essential to have a Gurudev in our lives. Only someone who has honestly achieved the goal we aspire to can become our Guru. Only he can give us the true knowledge of what we need to do to achieve success. Therefore, friends, it is important to have a Gurudev in life.

5. Lack of devotion to God
Everything in this world is a gift from God. We may have everything, but not God means we have achieved nothing. Money is necessary in life, but only God can give us true happiness. Because the happiness we buy with money is temporary, but the joy of one whose mind is immersed in God is limitless. Death is inevitable in life, no matter what else happens. To survive, we accumulate everything we need: a house, food, clothes, and other things. But what about after death? Does anyone wonder? What will happen to us? Let me tell you. I'm no wise man, but I'm just sharing what I heard from my Gurudev. Whatever deeds we perform while alive, we experience some of them on this earth. Depending on the remaining karma, we go to heaven or hell. If we have done good deeds, we enjoy them in heaven. When our good deeds are settled, we are reborn. Similarly, the consequences of bad deeds are suffered in hell, followed by another rebirth. This cycle continues. We are born as humans, and we must break free from this cycle of birth and death and find God. One who finds God is never reborn. Even if they are, they never forget Him. Upon completing the task God has sent them to, they re-enter the abode of God. They experience neither sorrow nor worry; simply by concentrating on God, they become God-like.

|| JAI SREE RADHA ||
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 || जय श्री राधा ||

भगवान् है या नहीं ?

          

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विषय सूचि

0.प्रस्तावना

१.अंत

२.हम किस लिए बने है

३.हमें अपने आप को कैसे समझना है

४.विश्वास जरुरी है

५.हमारा शरीर


0. प्रस्तावना

इस किताब को लिखने का उद्देश्य यह है की भगवान क्या है किसलिए है या नहीं है ? सालों से यही सवाल बार बार सुनने को मिलता है, कहा है भगवान् ? जब यह दुनिया बनी थी या बनाई गयी थी तो क्या हम वहा थे ,नहीं हमें नहीं पता की दुनिया कैसे बनी ,हम इस दुनिया में क्या कर रहे है, क्यों हम सुबह उठते है, खाना खाते है , काम करते है और रात को सो जाते है, दुसरे दिन फिरसे वही जीवन क्यों ? हमारे मन में इसी तरह के लाखो सवाल है, इन्ही सवालों का जवाब आपको इस इ-बुक में मिलेगा.


चलिए शुरू करते है

एक अनोखा सफ़र


१.अंत

जब किसी चीज या वस्तुका अंत होता है तो उसके द्वारा नयी वास्तुका निर्माण भी होता है. यह हम अच्छी तरह जानते है ,जैसे की एक पेड़ कटता है तो उसका अंत होता है. लेकिन उसके द्वारा बनाया गया फर्नीचर ,पेपर या उसके दिए गए फल द्वारा एक पौधे का निर्माण होता है, इसमें एक समझने वाली बात यह है की फुर्निचर अपने आप नहीं बना ,नहीं पेपर अपने आप बना ,ऐसा हो सकता है की वृक्ष का फल निचे गिरा और दुसरे पौधे को जन्म दिया .लेकिन जिस तरह से इस ब्रम्हांड को बनाया गया, तो ऐसा नहीं हो सकता की किसीने इसे बनाया न हो और यह अपने आप बन गया. इस दुनिया में जितनी भी प्राकृतिक चीजे है, उन सबकी एक अलग पहचान है. सारी चीजे अपने आप में एक रहस्य है. जैसे जमीन ,जमीन में आप कोई भी पौधा लगाओ धीरे धीरे वह बड़ा कोने लगता है, कुछ समय बाद वह पौधा फल, फुल देने लगता है. लेकिन ऐसा क्यों होता है ? क्योकि भगवान है. भगवान ने इस दुनिया की रचना ही ऐसे की है की सारी चीजे एक दुसरे के साथ जुडी हुई है. अगर इसमें से एक भी चीज इस दुनिया से ख़त्म हो जाय तो हमें बहोत सारी मुसीबतों का सामना भी करना पड सकता है, यह दुनिया के ख़त्म होने का संकेत भी हो सकता है.

        इसलिए भगवान ने दिन और रात ,सुख और दुःख,अच्छा और बुरा इस तारह के अनेको उदहारण है जिनकी रचना भगवान ने की है और यह दुनिया के अस्तित्व के लिए जरुरी है.अंत एक नयी वस्तुके निर्माण के लिए जरुरी है. भगवान ने हमें बनाया ही इस तरह है की हम ऐसे समय में पैदा होते हे जिस समय को हमारी जरुरत होती है. हम पैदा ही इसलिए होते है की हम दुसरो की मदत कर सके .हमने देखा है हम छाते का भी इस्तेमाल तब करते है जब बारिश हो रही होती है. हमारा जन्म सिर्फ अपने आपको और अपने परिवार को संभालना ही नहीं बल्कि हमारे आस पास जो पर्यावरण है, जो लोग है, जानवर है ,पशु पक्षी है उनकी रक्षा और देखभाल करना भी है. हमारे अन्दर बहोत सारी ऐसी शक्तिया है जिससे हम इस दुनिया को बदल सकते है और इसे बदलनेकी जरुरत है. हम जो कर सकते है वह पशु पक्षी नहीं कर सकते और जो पशु पक्षी कर सकते है वो हम नहीं कर सकते .

        हम सबको मिलकर इस दुनिया को बदलना है हमें एक ऐसी दुनिया बनानी है जिसमे किसीको यह सोचने की जरुरत न पड़े की कल क्या होगा ,कल खाना मिलेगा की नहीं, कल कहा रहेंगे ,और भी बहोत कुछ है. समय जैसे बीतता जा रहा है वैसे प्रदुषण ,आबादी, महगाई बढ़ रही है. अंत की शुरुआत हो गयी है.और इस दुनिया का अंत हो के रहेगा .लेकिन हमें चाहिए कि हम अपने आस पास होने वाले प्रदुषण को रोके और सबसे बड़ी समस्या है बढती हुई आबादी इसे काबू में रखने से हमारी आधे से ज्यादा समस्याय ख़त्म हो जायगी.जितनी कम लोकसंख्या होगी उतना फायदा है. इससे महगाई कम होगी ,कम प्रदुषण होगा और इसके अनेको फायदे है.जिसको हमें समजने की जरुरत है.


२.हम किस लिए बने है

हमारे मन में अक्सर यह सवाल जरुर आता है की हम किस लिए बने है ? क्यों बने ? किसने हमें बनाया ? और हमने जन्म लेकर क्या किया इन्ही सवालों का जवाब आज हमें इस पाठ से मिलने वाला है. चलो शुरू किया जाय. हर किसीका जन्म एक अनोखे कार्य करने के लिए हुआ है. जैसे सूरज ,सूरज का काम है खुद रोशन रहकर दुसरो को रौशनी प्रदान करना. इसी तरह हम इन्सान को भी भगवान ने एक मकसद के साथ भेजा है, लेकिन हम अपने आप को ही इतना भूल गए है की हमें कोनसा कार्य दिया है ,क्या याद रहेगा. भगवान की सबसे बेहतर रचनाओ में से हम इन्सान है. भगवान ने हमें इतना शक्तिशाली और बुद्धिमान बनाया है की आज हमें यह सोचने की जरुरत नहीं पड़ती की हम क्या क्या कर सकते है. हमें करना क्या है ,इसमें इतना सोचने वाली बात कोई नहीं है. हमें सिर्फ एक ही काम करना है और वह है खुद बेहतर बनना और दुसरो को बेहतर बनने में उनकी मदत करना, यह काम इतना आसन भी नहीं और हम न कर सके इतना मुश्किल भी नहीं. एक मूर्ति अपने आप नहीं बनती , उसे बनने में मिटटी, पानी, एक मूर्तिकार और जरुरी अवजारो की जरुरत पड़ती है. ठीक उसी तरह हम भी अपने आप नहीं बनते , हमें सफल बनाने में हमारे मा-बाप , हमारे गुरु , मित्र और भी लोग हमारी हर कदम मदत करते है . हम एक ऐसे समाज में जी रहे है जिसमे हमें कोई भी कार्य करने से पहले कुछ मिले न मिले लेकिन सलाह जरुर मिलतीं है . सलाह भी हमें दो तरह के आदमी बताते है पहला आदमी वह होता है जो उस काम को करके असफल हुआ हो और दूसरा इन्सान वह होता है जो उस काम में माहिर हो और उसे वह काम करना पसंद हो. इसमें दोनों ही इन्सान महत्वपूर्ण है, वो कैसे ? चलिए जानते है. 

        पहला इन्सान जो असफल हुआ वः हमें सिखाता है की हमें क्या नहीं करना और दूसरा यह बताता है की क्या करने से हम सफल होंगे. यहाँ दोनों ही जरुरी है. भगवान् ही एक ऐसी शक्ति है जो देने का काम करती है .जब हमें किसी की जरुरत पड़ती है तब हम उसे याद करते है, और ऐसा अक्सर होता है की, जिसे हम याद करते है अचानक उनसे हमारी मुलाकात हो जाती है या उससे बात हो जाती है. लेकिन ऐसा क्यों होता है क्योकि हम एक ऐसे हॉटस्पॉट से जुड़े हुए है जिसका सिर्फ एक ही पासवर्ड है और वह है “दिल से चाहत” और उस हॉटस्पॉट का नाम भगवान् है. इस हॉटस्पॉट में एक खास बात है और वह है आप इसे कही पर भी इस्तेमाल कर सकते है और न इसके लिए पैसो की भी जरुरत नहीं पड़ती है. हमारा जन्म सिर्फ आबादी बढाने के लिए नहीं हुआ बल्कि हमें खुद समझना चाहिए की जो चीज जितनी ज्यादा मात्र में होती है उसी चीज की कीमत उतनी ही कम हो जाती है. और हम इन्सान यही भूल कर रहे है. हमने आबादी इतनी बढ़ा दी है की कुछ समय में चिडिया घर में जानवरों की जगह इन्सान नोकरी करते दिख जायेंगे. और उस समय कोई जॉब भी बहोत मुश्किल से मिगेली और सैलरी भी इतनी कम मिलेगी की दो वक्त का खाना भी मुश्किल से मिल पायेगा. भगवान् द्वारा या भगवान् ने हमें बनाया इसमें कोई शक नहीं .भगवान् हर जगह है. हमारे अन्दर भी बस हमें पहचानने की जरुरत है. जिस दिन हम अपने अन्दर के भगवान् को पहचान जायेंगे उस दिन से हमारी जिंदगी बदल जाएगी .हम भगवान् द्वारा इसलिए बनाये गए ताकि हम यह देख पाए की क्या देखने योग्य है, आज कल हम सब उल्टा काम कर रहे है.जो नहीं सुनना वह सुनेगे ,जो नहीं देखना वही देखेंगे और जो काम नहीं करना है उसे ही हम करते जा रहे है. हमें इन सब विचारों को अलग रखकर अपने आप को देखना चाहिए, सुनना चाहिए और खुदको अपने अन्दर महसूस करना चाहिए. जब आप यह सब कम करेंगे तो आप जान पाओगे की हम किस लिए बने है. 


३.हमें अपने आप को कैसे समझना है

ध्यान, ध्यान द्वारा हमें अपने बारे में पता चलेगा जैसे किसीको या किसीके बारे में जानना होता है, तो हम उसे जानने के लिए इन्टरनेट की सहायता लेते है और हमारे शरीर के अन्दर भी एक इन्टरनेट है .बस हमें उसके लिए एक रिचार्ज की जरुरत है ,चलिए जानते है इस बॉडी रिचार्ज के बारे में .....

        ध्यान, ध्यान एक रिचार्ज है .जिसके लिए आपको कोई पैसे देने की जरुरत नहीं ,बल्कि पैसो से ज्यादा कीमती अपना समय देने की जरुरत है. आप जितना ज्यादा समय देंगे उतना ही हम अपने बारे में जानते जायेंगे. मैंने ध्यान को कैसे जाना ? चलिए जानते है. शुरू शुरू में यह एक बड़ा सा एवेरेस्ट पर्वत उठाने के बराबर लगता है ,लेकिन जैसे जैसे आप इसके अन्दर जाते है, आपके लिए समय जैसे से रुक गया हो, ऐसा लगने लगता है. मैंने यह खुद महसूस किया है. ध्यान के बारे में आप इन्टरनेट द्वारा जान सकते है. फिर भी में आपको एक बार बताना चाहूँगा. जैसा की हमने ध्यान के बारे में सुना है, सबसे पहले एक शांत जगह का चयन करे जहा आपको कोई दुविधा न हो. यह होने के बाद एक आसन ले जिसपर आप सही से बैठ पाए .उसके बाद उस पर बैठ कर अपनी आँखे बंद कर ले और अपनी साँस पर ध्यान केन्द्रित करे, इस तरह से आप ध्यान कर सकते है. शुरू शुरू में यह आपको थोडा मुश्किल लग सकता है लेकिन जैसे जैसे आप करते जायेंगे वैसे वैसे आप अपने अन्दर से बहोत खुश महसूस करने लगेंगे. ध्यान करने का एक और सरल तरीका है. मौन रहना ,हा आपने सही पढ़ा मौन रहना अन्दर से और बाहर से. देखिये हम पुरे दिन मौन नहीं रह सकते लेकिन दिन भर में ऐसा भी समय आता है जब आप अकेले होते हो, और जो बिन जरुरी हो उसके बारे में सोचते रहते हो एक तरह से आप अपने आप से बात करते रहते हो. बस उस समय को भी अगर हम मौन में बदल दे तो यह हमारे लिए ध्यान जैसा ही काम करेगा. इन तरीको के द्वारा हम ध्यान कर सकते है. ध्यान करने से आप इस दुनिया के बहोत से रहस्यों के बारे में जान सकते है .ध्यान में इतनी शक्ति है जो आपके आने वाले पुरे जीवन को बदल सकती है .वैसे तो ध्यान के अनेको फायदे है जिसे हम जानते है लेकिन कभी महसूस नहीं कर पाते क्योकि हमने कभी ध्यान किया ही नहीं रहता .तो चलिए कुछ पलों से ही ध्यान की शुरुआत करे और अपने जीवन को आनंदपूर्ण बनाये.


४.विश्वास जरुरी है

दोस्तों पूरी दुनिया विश्वास पर जी रही है. हमें भी विश्वास रखना है अपने आप पर ,अपने भगवान् पर. यहा एक चीज तय है अगर भगवान् होते ही नहीं तो भगवान् नाम आया कहासे ? चलो समझते है भगवान् का अर्थ क्या है. भगवान् दो शब्दों से बना है ,उसमे से पहला शब्द है भग यानि सृष्टि और वान यानि स्वामी अर्थात सृष्टि का स्वामी. कुछ चीजे ऐसी होती है जिनके साथ विश्वास शब्द जुड़ जाने से उनकी महानता बढ़ जाती है. हम मंदिरों में देखते है, लोग भगवान् की पूजा करते है एक मूर्ति के रूप में, हमें नहीं पता की उस मूर्ति के अन्दर भगवान् है या नहीं. लेकिन हम अगर उस पत्थर से या अन्य किसी वस्तु से बने भगवान् पर विश्वास करने लग जाय तो भगवान् हमारी बाते सुनते है. हमारे और भगवान् के बिच का जो सम्बन्ध है वो है विश्वास. विश्वास  वह पुल है या रास्ता है जिससे भगवान् तक पहुंचा जा सकता है. विश्वास को दो भागों में बताया जाय तो जो पहला वि है यानि विनम्रता,विशाल,विशेष ,विवेकशील और इसके अलावा वि से अनेक अर्थ निकलते है. दूसरा है श्वास जो हम हर समय लेते है, जिसके बिना हम जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते इसके लिए विश्वास जरुरी है. 

        दोस्तों विश्वास एक भगवान् द्वारा दी गई ऐसी शक्ति है जिससे इन्सान आज इतना आगे बढ़ गया है. अगर दुनिया से विश्वास ख़त्म हो जाय तो ऐसे समझना हम बिना सिमकार्ड से किसीको कॉल लगाने का प्रयास कर रहे है, जो की असंभव है. यह सिर्फ एक उदाहरन है. आने वाले भविष्य में यह संभव हो सकता है की हम बिना सिमकार्ड के किसीको कॉल लगाये. लेकिन यह असंभव है की हम बिना विश्वास के आगे भविष्य में कुछ कर पाय, इसीलिए विश्वास जरुरी है. आज कल हर कोई किसी पर संदेह करता है, यहाँ तक की खुद पर भी. आज हम अपने आप पर से ही विश्वास खोते जा रहे है तो दुसरो पर क्या विश्वास कर पाएंगे. वैसे तो जो इन्सान खुद पर शक करता हो उसके लिए किसीभी काम में सफलता मिलना मुश्किल हो जाता है और जो इन्सान कोई काम कितना भी कठिन क्यों न हो फिर भी अपने काम और अपने पर विश्वास रखता हो उसकी सफलता तय है. विश्वास से भरे आदमी को सफलता पाने से कोई नहीं रोक सकता.

 

धन्यवाद आपने यह पाठ इतने ध्यान से पढ़ा, इससे आपको यह तो समझने आ ही गया होगा की पूरी दुनिया का जो धरातल यानि आधार (BASE) एक विश्वास है तो आप अपने आप पर विश्वास जरुर रखे.आपका फिरसे धन्यवाद.


५.हमारा शरीर

शरीर इसके बारे में जो व्यक्ति या इन्सान जान लेता है उसे और कुछ जानना शेष नहीं रहता. बॉडी यानि शारीर, हम यह तो जानते है की हमारे पास दो हाथ, दो कान, एक मुह, दो पैर, दो मल मार्ग और इस तरह के अनेक भाग है लेकिन हमारे शरीर में एक ऐसा भाग भी है जिसे कोई नहीं जानता और वह है दिमाग, यार आप लोग यह सोच रहे होंगे की हम तो जानते है, हमारे पास दिमाग है. इन्सान का शरीर पहले जैसा था वैसा ही है आज भी उसे दो हाथ ,दो पैर और बाकि अंग है. देखिये कोई भी पौधा हमें लगाना हो तो हम उसके बिज का या उसके अंश का इस्तेमाल करते है उसी तरह अगर हम अपने शरीर का सहिसे इस्तेमाल करे तो हर एक चीज या हर एक बात हम संभव कर सकते है जिसका होना हमारे लिए जरुरी है. हमें यह अवश्य पता होना चाहिए की हर कुछ जो आज हो रहा है या आगे होने वाला है वह सबकुछ भगवान् जानते है. हमारे दिल में, हमारे शरीर में या कहे पुरे ब्रम्हांड में, ब्रम्हांड के हर एक कण में भगवान् है.


धन्यवाद

|| जय श्री राधा ||

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