क्या भगवान हमारे दिल मे बसते है । जय श्री राधा
जय श्री राधा
हा दोस्तो भगवान हमारे दिल में ही वास करते है, भगवद गीता का यह श्लोक प्रमाण है.......वे इस श्लोक में कह रहे है कि में ही सारे जीवो के हृदय में स्थित परमात्मा हु, में ही समस्त जीवो का आदि, मध्य तथा अंत हु।
दोस्तो मंदिर में भगवान के दर्शन तो हम करते ही है, लेकिन भगवान मंदिर के अलावा हमारे मन में ही अपना दीदार (दिखना) करवाते है। लेकिन उसके लिए मन का साफ होना जरूरी है,
हमसे अनंत जन्मों से अनेकों विभिन्न प्रकार के अच्छे तथा बुरे कर्म किए है, और उनका फल हमे भोगना ही पड़ता है लेकिन जब हम प्रति दिन भगवान को स्मरण करते है, उनका भजन करते है, उन्हें देखते है तो वे पाप कर्म मानो तलवार से छोटे होकर सुई जितना ही दर्द देते है यानी हमारे पाप कर्मों को अति सूक्ष्म कर देते है और शुभ कर्मों का हमे अच्छा फल भी देते है।
इसलिए दिन में कम से कम एक बार हमे भगवान को जरूर याद कर लेना है।
जय श्री राधा
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