ब्रम्हा + विष्णु + महेश = The secret Story

by - अप्रैल 18, 2025

श्री गणेशाय नमः

दोस्तो जैसा कि हमे पता है, गंगा जी, जो की श्री नारायण भगवान के चरण कमलों से प्रकट हुई है, यानी नारायण भगवान ही गंगाजी बनकर बह रहे है, उन्हें संभालने की ताकत सिर्फ श्री शिवजी के पास है, इसलिए उन्होंने श्री गंगा जी को अपने सिर पर धारण किया, इसी लिए वह हिमालय से यानी श्री शिवजी के ससुराल से निकलती है, शिवजी को अपनी प्रिया पार्वती से बहोत प्रेम है इसलिए गंगाजी हिमालय से निकलती है शिव बनकर, जब यह नदी बहते बहते समुंदर (बंगाल की खाड़ी) में मिल जाती है, समुंदर में जाते ही सूर्यनारायण भगवान उसे तपाते है और वह बाफ (ब्रम्हा) बनकर आसमान में चली जाती है, पानी में H20 यानी हाइड्रोजन और ऑक्सीजन होता है, जो को हम सांस में लेते है, सांस कोई और नही स्वयं ब्रम्हा बनते है, इसलिए ब्रम्हा की पूजा नही की जाती, क्योंकि उन्हें तो हम सांस के जरिए हर वक्त ले ही रहे है, बर्फ ( शिवजी ), पानी (विष्णुजी) जिन्हे हम देख सकते है उन्ही की ही तो पूजा होगी ना, जय श्री राधे 

इस पूरी थियरी का मतलब साफ है, ये तीनो देवता कोई अलग नहीं है, तीनो एक ही भगवान के प्रकट किए हुए है, और वह है प्रेम के प्यारे श्री राधाकृष्ण, प्रेम के बैगैर ना तो जन्म हो सकता है, न ही कुछ और.........
जय श्री राम 

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