ज्यादा सोचने की आदत को कैसे दूर करें | how to break the habit of overthinking | Jai Sree Radha
ज्यादा सोचने की बीमारी को इस तरह करे दूर
दोस्तों जैसे जैसे समय बीतता जा रहा है वैसे वैसे हम कुछ ज्यादा ही सोच रहे है .किसी विषय पर सोचना सही बात है लेकिन बहोत ज्यादा सोचना हमे बहोत नुकसान कर सकता है.किस तरह हम ज्यादा सोचने की बीमारी को दूर कर सकते है जानते है.
१.अपने मन को इतना व्यस्त रखे की उसे कुछ सोचना का समय न मिले जैसे की आप अपनी एक दिनचर्या बना सकते है की आपको पुरे दिन में क्या करना है.
२.कुछ व्यायाम करे जैसे ,आप सुबह खुली हवा में चलना ,आप दौड़ भी लगा सकते है, सूर्यनमस्कार सबसे अच्छा व्यायाम है इसको करने के बाद आपको कोई और व्यायाम करने की कोई जरुरत नहीं पड़ेगी.
३.ध्यान करे, ध्यान करना कोई बड़ा काम नहीं है लेकिन जितना आसान लगता है उतना है भी नहीं.ध्यान करने का सबसे अच्छा उपाय है किसी शांत जगह पर बैठ जाये .उसके बाद अपनी आँख बंद कर के जो हम साँस लेते है उस पर अपना ध्यान केन्द्रित करे .
४.अपने अन्दर के गुण का विकास करे ,मेरे कहने का मतलब है आपको जो काम करना पसंद हो जैसे की गाना गाना ,डांस करना ,चित्र बनाना ऐसा कुछ जिससे आपके मन को अच्छा लगे और किसी को कोई हानि न हो.
५.अक्सर हम ज्यादा तब सोचते है जब कोई बात हमारे मन में दबी होती है और हमें डर अगता है की अगर यह बात हम किसीसे कहेंगे तो कोई समस्या आ जाएगी लेकिन डरिये मत और जो बात हमारे दिल में छुपी हो वः बता दे.
हम ज्यादा क्यों सोचते है ? और इसके क्या कारन है ?
हम जैसे जैसे बड़े होते है वैसे वैसे हम पर घर की जिम्मेदारिया आ जाती है ,यह सबके साथ होता है फर्क सिर्फ इतना है की किसी पर समय से पहले आ जाती है और किसी पर जल्दी नहीं आती.इन्ही सब कारणों के बारे में हम जानने वाले है .चलो शुरू करते है.
१.हम जब छोटे होते है.तब पढाई का टेंशन होता है. कोई इस टेंशन पर विजय पा लेता है तो कोई इसको संभाल नहीं पाता और इसका कारन है समय पर पढाई न करना ,जितने भी विद्यार्थी है और हम सबको अपने काम समय से पहले या समय पर पुरे कर लेने चाहिए .
२.जब हम किसी लड़की या किसी लड़के के प्यार में होते है तब हम पहले से ज्यादा सोचने लग जाते है.किसी भी विषय पर सोचने का एक दायरा होता है जैसे वह पार हो जाता है तो ढेरो समस्याए खड़ी हो जाती है. जो हमें नहीं करना है.
३.शक करना ,जब हम किसी पर शक करते है तब हम ज्यादा सोचने लग जाते है. ऐसा अक्सर मिया बीबी ,बिजनेस पार्टनर ,भाई भाई इस तरह के अनेको उदहारण है इन सबके बिच में शक नामकी बीमारी आ जाती है.पहली बात तो सबके लिए सकारात्मक सोचे और अपने जीवन से शक नाम के अक्षर को ही निकाल दे.
४. जब हम पर कोई गुस्सा करता है तब उस इन्सान के बारे में हमारे मन में लाखो ऐसे शब्द पैदा हो जाते है,जिससे हम उसके बारे में ज्यादा ही सोचने लग जाते है.लेकिन हमें अपने मन को भटकने नहीं देना है.हमें देखना है की जिस कारन से वह इन्सान हम पर गुस्सा हुआ है क्या हम उसके लिए जवाबदार है या नहीं.अगर है तो उसे क्षमा मांग लेनी चाहिए और अगर हमारी कोई गलती नहीं है फिर भी हमें उस इन्सान से शांति से ही बात करनी है.
५. खाली बैठना ,जिस इन्सान के पास कोई काम नहीं होता वह ज्यादा सोचने का काम कर लेता है. इसका उत्तर में पहले ही बता चूका हु और एक बार और दोहराता हु .कभीभी खाली न बैठे, हमेशा कोई न कोई कार्य करते रहे.और जिस इन्सान के पास करने को कुछ नहीं है वह खाली समय में अपने भगवान का नाम स्मरण कर सकता है.
ज्यादा सोचना क्या सही है ? में जब ज्यादा सोचता हु तो क्या करता हु ?
दोस्तों में अभी आपको बताने वाला हु, एक सबसे सही और जल्द से जल्द अपना सके ऐसा रास्ता जिससे हम तुरंत अपनी ज्यादा सोचने की बीमारी को दूर कर सकते है.पहली बात तो यह है सोचना सही है और अच्छा सोचना सबसे ज्यादा सही है लेकिन बहोत ज्यादा सोच लेना सही नहीं है.
दोस्तों यह आर्टिकल मैंने ऐसे ही नहीं लिख दिया ,यह आर्टिकल लिखने की वजह है और वह है की में भी कभी जरुरत से ज्यादा किसी विषय पर सोच लेता हु और इससे मुझे काफी समस्याओ का सामना करना पड़ता है उसमे से एक है आप कही न कही खोये रहते है और अपना काम समय पर पूरा करने में असमर्थ साबित होते है. आपको भूलने की बीमारी लग जाती है.दोस्तों यह सब मेरे साथ होता था लेकिन मुझे इसका इलाज मिल गया है और वह है में कभी खाली नहीं बैठता हु कुछ न कुछ क्रिएटिव करता रहता हु जैसे की यह आर्टिकल जो आप पढ़ रहे है वह आर्टिकल मैंने लिखा इसकी जगह पर में सोशल मीडिया पर समय ख़राब कर सकता था या फिर गेम खेल सकता था लेकिन नहीं मुझे अपने आप को हर दिन बेहतर बनाना है इसलिए में कुछ न कुछ अच्छा और काम का काम करता रहता हु .
अपने आप को व्यस्त रखने के कई तरीके है.उसमे से एक है में भगवान के नाम का जप करता हु या फिर कोई अच्छा भक्तिगीत सुनता हु.इससे यह फायदा होता है की आप ज्यादा सोचना बंद करते हो और यह आपके मन को स्वच्छ कर देता है और अपने अन्दर की नकारात्मकता को दूर करता है. अपने अन्दर एक नई उर्जा का निर्माण होता है.
दूसरा तरीका जिससे में अपने आप को व्यस्त रखता हु, वह है चित्र बनाना या डिजाईन बनाना यह काम मुझे सबसे अच्छा लगता है.आप फोटो में देख पा रहे होंगे की कैसे मैंने एक सुन्दर डिजाईन बनाइ है.दोस्तों ऐसा कुछ अनोखा करने से अपने मस्तिष्क का विकास भी होता है और आप इसके द्वारा पैसे भी कमा सकते है.
तीसरा तरीका जिसमे में खाली समय में, में मेरे भाई के साथ बैडमिंटन खेलता हु. इससे एक्सरसाइज भी हो जाती है और हर दिन करने से आपकी किसीभी काम को करने की शक्ति भी बढ़ जाती है.
चौथा तरीका इसमें में किताबे पढ़ता हु ,और यह किताबे ऐसी होती है जिससे हम अपने लाइफ को कैसे बेहतर ढंग से जी सके उसका ज्ञान हमें मिलता है .में दो किताबो के नाम आपको बताना चाहूँगा जिससे आप भी अपने जीवन को एक सही दिशा दे सकते हो.१.सोचिये और आमिर बनिए - नेपोलियन हिल २.विजुलाइजेशन - डॉ जीतेन्द्र आधिया.
पाचवा और आखरी तरीका सबसे ज्यादा कारगर,जब कभी आप फ्री हो तब अपनी आँखे बंद कर ले और अपने विचारो को देखे यह समजने में थोडा कठिन हो सकता है लेकिन करने में नहीं .इसमें यह होता है की हम अगर कुछ ज्यादा ही सोच रहे है तो उसे हम धीरे धीरे कम कर सकते है.और जब आप इसको जान जाओगे तब आपके विचार आपके काबू में होंगे.इसे हम एक तरह का मैडिटेशन भी बोल सकते है.
धन्यवाद की आप अभीतक इस पोस्ट को पढ़ रहे है.
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