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जय श्री राम

रा = राधा + माँ = माधव

|| जय श्री राधा ||

 मेरे देश के प्रधानमंत्री मेरे प्यारे मोदीजी :-



मोदीजी मेरे पिता सामान है, जो अपने घर को जिसे भारत कहा जाता है, उस भारत भूमि की बड़ी निपुणता और सच्चाई के साथ अपना सर्वस्व अर्पित करके सेवा कर रहे है.
 
में चाहता हु की मुझे श्री नरेन्द्र दामोदरदास मोदीजी जो पुरे देश को ईमानदारी की सिख देते है उनकी सेवा का मुझे अवसर प्राप्त हो. जो पुरे देश की सेवा करे उनकी हर भारतवासी को सेवा करनी चाहिए.

मोदीजी की सेवा करने के लिए उनके हाथ पैर दबाने की जरुरत नहीं है, न ही वे बूढ़े है, वे एक सशक्त भारत के ताकतवर देशसेवक है.

मोदीजी की सेवा हम पूरी इमानदारीसे तब कर पाएंगे जब हम  देश की स्वच्छता पर ध्यान देंगे और देश को स्वच्छ करने का प्रण भी लेंगे. जिस भी कार्यक्षेत्र में हम हो उस काम को हम बड़ी ईमानदारी और अपने देश की सेवा समझके करेंगे तब हम सचमे श्री मोदीजी की सेवा कर सकते है. जय श्री भारत. भारत ही भगवान् है 

भा - भगवान् 
र   -  रथ पर बैठे अपने भक्त को सही गलत समझाने वाले
त  -  तांडव करने वाले, जो नहीं सुनेगा उसको हम सिखायेंगे.

दोस्तों श्री नरेन्द्र दामोदरदास मोदीजी के बारे में गहराई के साथ लिख सके उतना दिमाग मेरे पास नहीं है. में बस अपने देश की सेवा करना चाहता हु. जय हो भारत, हम सोने की चिड़िया नहीं है, हमारे देश की भूमि का हर एक कण भगवान् है जिसे कोई नहीं लुट सकता.

|| जय श्री राधा ||




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 नारी क्या है - जय श्री राधा 


नारी ही भगवान् की शक्ति है और स्वयं भगवान् भी, जो एक पुरुष को पुरुषोत्तम बनाती है. नारी नारायण की माता है जिसे जगत्जननी अम्बा कहते है. अम्बा यानि शिव को शिव बनाने वाली जिसके बगैर शिव भी अधूरे से है. नारी के बारे में समझना इतना आसान नहीं है क्योकि हर जगह वही है पूरी दुनिया ही नारी है जिसे समझने के लिए हमारे पास पर्याप्त बुद्धि नहीं है, बस हम उसे भोग भाव से देखकर अपना विनाश् कर रहे है. जिसने नारी को शक्ति माना है वह पुरुष पुरुष नहीं बल्कि पुरुषोत्तम भगवान् शिव ही है. 

नारी की सेवा होनी चाहिए, पूजा होनी चाहिए 

दोस्तों, इस कलयुग के घोर अन्धकार को सिर्फ एक नारी ही दूर कर सकती है. इसलिए उसकी सारी पूरी की जा सके ऐसी मनोकामनाए उसके पति को पूरी करनी चाहिए जब ऐसा हो तब वह पति नहीं रहता, पति परमेश्वर बन जाता है. नारी के बारे में क्या कहू ....इस दुनिया में अगर सबसे सुन्दर कुछ हो तो वह है श्री राधा जो नारीशक्ति की पहचान है जो कृष्ण को भगवान् बनाने वाली है. भगवान् कृष्ण के पास बस एक ही शक्ति है और वह है श्री राधा श्री राधा श्री राधा श्री राधा.......endless.
जब भगवान् श्रीराधा कहते है तब इस दुनिया को प्रकट कर पाते है. सारी शक्तिओ की स्वामिनी श्रीराधा ही है. बस वह अपने आप को दुनिया के सामने नहीं लाती क्योकि उसे समझने वाले तो सिर्फ श्रीकृष्ण ही है. क्योंकि जो पत्नी होती है वह पति से प्रेम करती है लेकिन श्रीराधा ने पतिपरमेश्वर से प्रेम किया, इसके लिए राधाकृष्ण कहा जाता है. श्रीराधा न ही श्री है न ही पुरुष वह एक महान प्रेम का गहरा समुद्र है जिसका न अंत है न जिसकी शुरुआत नजर आती है. श्रीराधा प्रेम की चरण सीमा है. जिसने श्रीराधा के चरणों में अपना सर्वस्व अर्पित कर दिया वही भगवान् कृष्ण है बाकि तो सब श्री पुरुष अपने आप को माने है. जब हम एक पुरुष होते है तब भगवान् श्री बनकर हमारी सेवा करते है अपना शरीर मन तन धन सबकुछ अपने पति परमेश्वर को समर्पित कर देती है. जब नारी माता बनती है तब वह अपने खून को दूध बनाकर अपने प्यारे लल्ला को दूध पिलाती है.उसे कष्ट भी होता है फिर भी वह अपने कष्टों को भुलाकर अपने प्यारे बच्चे का दुलार करती है सचमे श्री महान आत्मा परमात्मा ही है. हम पुरुष अपने चमड़े की चप्पल बनाकर श्री का ऋण उतारने की कोशिश करे तो भी अनंत जन्मो तक हम नहीं उतार सकते. श्री सिर्फ इज्जत के साथ प्यार चाहती है. उसे किसी चप्पल की जरुरत नहीं उसे बस प्यार से दुलार से दिल से लगा लो उसीमे वह खुश हो जाएगी अगर वह आपकी पत्नी बनी है तो. आपकी बेटी है तो उसके पैर छूने चाहिये न की उसे ज्यादा रोक टोक करनी चाहिए, एक पिता का काम है की वह अपनी बेटी को सही शिक्षा दे, उसे समझाए की बेटी तुम जो करना चाहती हो उसे करो लेकिन एक बात आपको ध्यान रखनी है की में आपका पिता हु मै आपसे बहोत प्यार करता हु अगर तुम्हे कोई लड़का पसंद आता है तो मुझे बताओ में उससे आपकी शादी करवाऊंगा. जब पिता ऐसी बात अपनी बेटी से करता है न तब वह बेटी कभी किसी लड़के के साथ भागके शादी नहीं करेगी. क्योकि उसे पता चल जायेगा की मेरे लिए मेरे पापा बेस्ट ही चुनेंगे अगर मुझे कोई लड़का पसंद आता है तो उसे सबसे पहले मेरे माता पिता को खुश करना होगा, अपने आप को साबित करना होगा की वह एक राजा है जो दुसरे राजा की राजकुमारी को एक राजमहल में रख पाए. राजमहल का मतलब कोई बड़ा महल नहीं बस जहा उसकी बेटी जाये, उसे जो चाहिए वह सब उसका पति परमेश्वर दे बस यही इक पिता की मनोकामनाए होती है. अगर मैंने और कुछ लिखा तो में रो रो के मर जाऊंगा क्योकि अभी मेरे आंसू नहीं रुक रहे क्योकि श्री के बारे में जाने ऐसा पुरुष पैदा नहीं हुआ. में अपना सौभाग्य मानता हु की मेरे जरिये भगवान् श्रीराधा ही यह पोस्ट लिख रही है. 

|| जय श्री राधा ||

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 यार किसीभी पोस्ट को लिखने से पहले काफी कुछ सोचना पड़ता है लेकिन इस पोस्ट को लिखने के लिए मुझे एक सेकंड के लिए भी नही सोचना पड़ा क्योंकि में खुद इस समस्या का सामना कर चुका हूं और शायद ही मेरे अलावा कोई इतनी महत्वपूर्ण जानकारी कोई आपको दे सकता है ।


 
पागलपन का सबसे बड़ा कारण है विचार ,एक ऐसी सोच जो मरने से पहले हमें मार देती है, ऐसी सोच को जन्म भी हम देते है और इसे खत्म करने का इलाज भी हमारे अंदर होता है।

मैंने खुद ऐसे विचारों को जन्म भी दिया है और उससे आज भी लड़ता हु। मेरे दिमाग मे सबसे पहले यह विचार तब आया था जब में किसी लड़की के लिए पागल था ,आप इसे वन साइड लव भी कह सकते है, ये कैसे हुआ जानते है।

* मेरी वन साइड लव स्टोरी

मेरा घर उस लड़की के एकदम सामने था ,में फर्स्ट फ्लोर पर था और वह लड़की सामने वाले मकान के ग्राउंड फ्लोर पर रहती थी । हमारी कभी कभी बातचीत होती रहती थी,मेरे परिवार वालो को भो वह अच्छी लड़की लगती थी और शायद इसी वजह से मुझे भी लगने लग गया था कि वह मेरे लिए अच्छी रहेगी,यह कुछ ऐसा हुआ था कि में उससे दिल से नही दिमाग से प्यार करने लग गया था। 

* पागलपन में क्या होता है

यही वह सोच थी जिसने मुझे एकदम पागल बना दिया था ,मेरा किसी मे भी मन नही लगता था वह जिस लड़की से में दिमाग से प्यार करता था वह मेरे से उम्र में एक साल बड़ी थी ,उस समय मेरी एलेवेंथ स्टैंडर्ड में साइंस की पढ़ाई चल रही थी ,समय काफी मुश्किलों से भरा था ।

पागलपन में कुछ ऐसा होता था कि मुझे कई रातो तक नींद नही आती थी में रात में उठकर कही चला जाता था और घूम कर फिर कर वापस घर मे आकर सोने की कोशिश करता था लेकिन सो नही पाता था।

ऐसा मेरे साथ क्यों होता था इसके जवाब में मैं इतना ही कहना चाहूंगा कि मेरा दिमाग मुझमे था ही नही वह न मुझे एक जगह बैठने देता न कुछ अच्छा सोचने देता था।

*पागलपन का हद से ज्यादा बढ़ जाना

मैं उस लड़की के पीछे इतना पागल हो गया था कि एकदिन मैंने लगभग रात को 1.00 बजे उसके घर का दरवाजा खट खटाया कुछ देर दरवाजा खट खटाने के बाद अंदर से एक आवाज आई वह आवाज उसके पापा की थी।

उन्होंने अंदर से पूछा कौन है बाहर से,मेने जवाब दिया में हु सुमित आपके सामने रहने वाला लड़का ,उन्होंने दरवाजा खोला और पूछा इतनी रात को क्या काम है मैं कुछ बोला और वह शब्द थे मैं आपकी लड़की से शादी करना चाहता हु,उन्होंने कहा पागल हो गए हो क्या ,दरसल में सचमे पागल हो गया था।

उस लड़की के पिता ने कहा में तुम्हारे पिता से बात करना चाहता हु,और मुझ पागल को लगा कि सचमे मेरी उससे शादी हो जायेगी।

दूसरा दिन आया मैंने अपने घर वालो को रात की बात बताई और मेरे पापा उस लड़की के घर उसके पापा से मिलने चले गए ।

मेरे पापा की उस लड़की के पाप से बात हुई, इस बारे में मेरे पापा ने घर पर कुछ बराबर बताया नही,मेरे घर वाले मुझे लेकर बहोत परेशान थे,क्योकि मेरी हालत ही कुछ ऐसी थी। 

*पागलपन का इलाज

(जो बात आपके दिल मे ज्यादा समय से है उसे बोल दे और बिल्कुल न घबराये)


जब मैंने उसके घर पर शादी की बात की थी उसके बाद से मेरे दिल को और दिमाग को एकदम शांति मिल गई थी क्योंकि जो बात में उससे कहना चाहता था वो मैंने बोल दी थी, कुछ दिन बीते, मेरे पापा ने मेरे स्कूल जाकर 10 दिनों की छुट्टी ले ली थी,वे मुझे गांव लेकर गए ।

गांव में एक दो दिन रहने के बाद मुझे अच्छा लगने लग गया था,जो मेरी बाहर घूमने की बीमारी या कहो पागलपन वो ठीक हो गया था,कुछ ही दिनों में मैं पूरी तरह ठीक हो गया था।

ठीक होने के बाद में और मेरा परिवार अपने शहर आ गया, दिन बीतते गए जो लड़की मेरे सामने रहती थी,जिसके लिए में पागल था उसके पापा ने वहासे काफी दूर नया घर ले लिया ,और वह चली गई।

इस तरह यह रियल लाइफ कहानी यहा खत्म हुई। इस कहानी में, मैं जो बात अपने दिल मे छुपा कर बैठा की "मुझे उससे शादी करनी है"अगर में यह बात नही कर्ता तो शायद में यह लेख नही लिख रहा होता क्योंकि यह बात मुझे हर दिन हर इक सेकंड चैन से जीने नही देती थी । अंदर से एक आवाज आती तू यह बात बता नही तो मै कुछ भी कर दूंगा । देखिये दोस्तो जीवन मे ऐसी कोई बात जो किसीको बताना बहुत जरूरी है,और वह बात अगर हम उस व्यक्ति को नही बताते ,और अपने ही अंदर दबाये रखते है तो यह बहुत बड़ी समस्या है, तो हमेशा ध्यान रखिये कोई भी बात अपने अंदर न दबाये ,खुल कर जो भी बात आप किसीसे कहना चाहते है जरूर कहे ,भले सामने वाले व्यक्ति को आपकी बात अच्छी लगे या बुरी 
कुछ समय के लिए प्रॉब्लम हो सकती है,लेकिन कुछ समय बाद आप अपने लिए खुश होंगे कि यार अच्छा हुआ मैंने मेरे दिल की बात बता दी।

दोस्तो इस सच्ची कहानी से हमे बहोत बड़ी सिख मिलती है और वह है,किसीको देख कर या किसीके कहने पर अगर आपको कोई अच्छा लगता है तो वह गलत है,जब आपका दिल बोले यार यही सही है तो उसी पर यकीन करें।

दोस्तो अपने माता पिता का हमेशा ख्याल रखे,वो कैसे भी हो जरूरत के समय पर सिर्फ वही आपके लिए खड़े होंगे और आपकी जितनी मदत हो सके उतनी करेंगे।

मैं अपने माता पिता को धन्यवाद देना चाहता हु की उस समय मेरे माता पिता ने मेरा बहोत ध्यान रखा।
                                             धन्यवाद.
दर्शना जिसका मै हर दिन दर्शन करके पागल हो गया था - आज 30 मार्च २०२५ को माफ़ी मांग रहा हु. मैंने उसे रातको जगाकर परीशान किया और उसके परिवार की भी माफ़ी मांगता हु, क्योकि वे मेरी वजह से उन्हें दूसरी जगह रहने जाना पड़ा. 

|| जय श्री राधा ||




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ज्यादा सोचने की बीमारी को इस तरह करे दूर


 

                

दोस्तों जैसे जैसे समय बीतता जा रहा है वैसे वैसे हम कुछ ज्यादा ही सोच रहे है .किसी विषय पर सोचना सही बात है लेकिन बहोत ज्यादा सोचना हमे बहोत नुकसान कर सकता है.किस तरह हम ज्यादा सोचने की बीमारी को दूर कर  सकते है जानते है.

१.अपने मन को इतना व्यस्त रखे की उसे कुछ सोचना का समय न मिले जैसे की आप अपनी एक दिनचर्या बना सकते है की आपको पुरे दिन में क्या करना है.

२.कुछ व्यायाम करे जैसे ,आप सुबह खुली हवा में चलना ,आप दौड़ भी लगा सकते है, सूर्यनमस्कार सबसे अच्छा व्यायाम है इसको करने के बाद आपको कोई और व्यायाम करने की कोई जरुरत नहीं पड़ेगी.


३.ध्यान करे, ध्यान करना कोई बड़ा काम नहीं है लेकिन जितना आसान लगता है उतना है भी नहीं.ध्यान करने का सबसे अच्छा उपाय है किसी शांत जगह पर  बैठ जाये .उसके बाद अपनी आँख बंद कर के जो हम साँस लेते है उस पर अपना ध्यान केन्द्रित करे .

४.अपने अन्दर के गुण का विकास करे ,मेरे कहने का मतलब है आपको जो काम करना पसंद हो जैसे की गाना गाना ,डांस करना ,चित्र बनाना ऐसा कुछ जिससे आपके मन को अच्छा लगे और किसी को कोई हानि न हो.

५.अक्सर हम ज्यादा तब सोचते है जब कोई बात हमारे मन में दबी होती है और हमें डर अगता है की अगर यह बात हम किसीसे कहेंगे तो कोई समस्या आ जाएगी लेकिन डरिये मत और जो बात हमारे दिल में छुपी हो वः बता दे.

हम ज्यादा क्यों सोचते है ? और इसके क्या कारन है ?

हम जैसे जैसे बड़े होते है वैसे वैसे हम पर घर की जिम्मेदारिया आ जाती है ,यह सबके साथ होता है फर्क सिर्फ इतना है की किसी पर समय से पहले आ जाती है और किसी पर जल्दी नहीं आती.इन्ही सब कारणों के बारे में हम जानने वाले है .चलो शुरू करते है.

१.हम जब छोटे होते है.तब पढाई का टेंशन होता है. कोई इस टेंशन पर विजय पा लेता है तो कोई इसको संभाल नहीं पाता और इसका कारन है समय पर पढाई न करना ,जितने भी विद्यार्थी है और हम सबको अपने काम समय से पहले या समय पर पुरे कर लेने चाहिए . 


२.जब हम किसी लड़की या किसी लड़के के प्यार में होते है तब हम पहले से ज्यादा सोचने लग जाते है.किसी भी विषय पर सोचने का एक दायरा होता है जैसे वह पार हो जाता है तो ढेरो समस्याए खड़ी हो जाती है. जो हमें नहीं करना है.

३.शक करना ,जब हम किसी पर शक करते है तब हम ज्यादा सोचने लग जाते है. ऐसा अक्सर मिया बीबी ,बिजनेस पार्टनर ,भाई भाई इस तरह के अनेको उदहारण है इन सबके बिच में शक नामकी बीमारी आ जाती है.पहली बात तो सबके लिए सकारात्मक सोचे और अपने जीवन से शक नाम के अक्षर को ही निकाल दे.

४. जब हम पर कोई गुस्सा करता है तब उस इन्सान के बारे में हमारे मन में लाखो ऐसे शब्द पैदा हो जाते है,जिससे हम उसके बारे में ज्यादा ही सोचने लग जाते है.लेकिन हमें अपने मन को भटकने नहीं देना है.हमें देखना है की जिस कारन से वह इन्सान हम पर गुस्सा हुआ है क्या हम उसके लिए जवाबदार है या नहीं.अगर है तो उसे क्षमा मांग लेनी चाहिए और अगर हमारी कोई गलती नहीं है फिर भी हमें उस इन्सान से शांति से ही बात करनी है.

५. खाली बैठना ,जिस इन्सान के पास कोई काम नहीं होता वह ज्यादा सोचने का काम कर लेता है. इसका उत्तर में पहले ही बता चूका हु और एक बार और दोहराता हु .कभीभी खाली न बैठे, हमेशा कोई न कोई कार्य करते रहे.और जिस इन्सान के पास करने को कुछ नहीं है वह खाली समय में अपने भगवान का नाम स्मरण कर सकता है.

ज्यादा सोचना क्या सही है ? में जब ज्यादा सोचता हु तो क्या करता हु ?

दोस्तों में अभी आपको बताने वाला हु, एक सबसे सही और जल्द से जल्द अपना सके ऐसा रास्ता जिससे हम तुरंत अपनी ज्यादा सोचने की बीमारी को दूर कर सकते है.पहली बात तो यह है सोचना सही है और अच्छा सोचना सबसे ज्यादा सही है लेकिन बहोत ज्यादा सोच लेना सही नहीं है.

दोस्तों यह आर्टिकल मैंने ऐसे ही नहीं लिख दिया ,यह आर्टिकल लिखने की वजह है और वह है की में भी कभी जरुरत से ज्यादा किसी विषय पर सोच लेता हु और इससे मुझे काफी समस्याओ का सामना करना पड़ता है उसमे से एक है आप कही न कही खोये रहते है और अपना काम समय पर पूरा करने में असमर्थ साबित होते है.  आपको भूलने की बीमारी लग जाती है.दोस्तों यह सब मेरे साथ होता था लेकिन मुझे इसका इलाज मिल गया है और वह है में कभी खाली नहीं बैठता हु कुछ न कुछ क्रिएटिव करता रहता हु जैसे की यह आर्टिकल जो आप पढ़ रहे है वह आर्टिकल मैंने लिखा इसकी जगह पर में सोशल मीडिया पर समय ख़राब कर सकता था या फिर गेम खेल सकता था लेकिन नहीं मुझे अपने आप को हर दिन बेहतर बनाना है इसलिए में कुछ न कुछ अच्छा और काम का काम करता रहता हु .


अपने आप को व्यस्त रखने के कई तरीके है.उसमे से एक है में भगवान के नाम का जप करता हु या फिर कोई अच्छा भक्तिगीत सुनता हु.इससे यह फायदा होता है की आप ज्यादा सोचना बंद करते हो और यह आपके मन को स्वच्छ कर देता है और अपने अन्दर की नकारात्मकता को दूर करता है. अपने अन्दर एक नई उर्जा का निर्माण होता है.


दूसरा तरीका जिससे में अपने आप को व्यस्त रखता हु, वह है चित्र बनाना या डिजाईन बनाना यह काम मुझे सबसे अच्छा लगता है.आप फोटो में देख पा रहे होंगे की कैसे मैंने एक सुन्दर डिजाईन बनाइ है.दोस्तों ऐसा कुछ अनोखा करने से अपने मस्तिष्क का विकास भी होता है और आप इसके द्वारा पैसे भी कमा सकते है.

तीसरा तरीका जिसमे में खाली समय में, में मेरे भाई के साथ बैडमिंटन खेलता हु. इससे एक्सरसाइज भी हो जाती है और हर दिन करने से आपकी किसीभी काम को करने की शक्ति भी बढ़ जाती है.


चौथा तरीका इसमें में किताबे पढ़ता हु ,और यह किताबे ऐसी होती है जिससे हम अपने लाइफ को कैसे बेहतर ढंग से जी सके उसका ज्ञान हमें मिलता है .में दो किताबो के नाम आपको बताना चाहूँगा जिससे आप भी अपने जीवन को एक सही दिशा दे सकते हो.१.सोचिये और आमिर बनिए - नेपोलियन हिल २.विजुलाइजेशन - डॉ जीतेन्द्र आधिया.


पाचवा और आखरी तरीका सबसे ज्यादा कारगर,जब कभी आप फ्री हो तब अपनी आँखे बंद कर ले और अपने विचारो को देखे यह समजने में थोडा कठिन हो सकता है लेकिन करने में नहीं .इसमें यह होता है की हम अगर कुछ ज्यादा ही सोच रहे है तो उसे हम धीरे धीरे कम कर सकते है.और जब आप इसको जान जाओगे तब आपके विचार आपके काबू में होंगे.इसे हम एक तरह का मैडिटेशन भी बोल सकते है. 


धन्यवाद की आप अभीतक इस पोस्ट को पढ़ रहे है. 


|| जय श्री राधा ||




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