• Home
  • About
  • Contact
  • Privacy Policy
  • Terms and Condition
  • Disclaimer
© Life Adhyay. Blogger द्वारा संचालित.

जय श्री राम

रा = राधा + माँ = माधव

 || जय श्री राधा ||

Image by Steve Buissinne from Pixabay


दोस्तों हम सबको २४ घंटो में कुछ न कुछ खाली समय मिल ही जाता है, इस समय का हम सदुपयोग न करके केवल मोबाइल या टीवी देखने में ही ख़राब कर देते है. समय को पैसो से भी मूल्यवान कहा गया है, क्योकि समय का सही इस्तेमाल करके हम पैसे तो भरपूर कमा सकते है लेकिन बीते हुए समय को हम वापस नहीं ला सकते. इसलिए दोस्तों समय का सही उपयोग कैसे किया जाय उसके बारे में यह लेख प्रस्तुत किया जा रहा है.

१. भगवान् का नाप जप करे.

दोस्तों दिन भर में हमसे अनेको पाप हो जाते है, इन पापों का विनाश सिर्फ भगवान् का नाम ही करता है. भगवान् का नाम जपने से मनको शांति और आनंद मिलता है. दोस्तों भगवान् का नाम जप करने से तीर्थो में जाने का फल मिल जाता है. भगवान् के नाम की महिमा अनंत है. 

२. अपने अन्दर की कला को पहचाने.

सबके अन्दर भगवान् ने कोई न कोई कला भरकर ही इस दुनिया में हमें भेजा है. बस हमें अपने अन्दर के हुनर को पहचान कर उसे विकसित करना होता है, इसलिए हमें जब भी खाली समय मिले तब हमें अपने आप को जानना चाहिए की हमें क्या पसंद है, कोनसा काम हम बेहतरीन तरीके से कर सकते है, किस कामको करने से हम खुश होते है. जब हमें पता चलता है की हमारे अन्दर भगवान् ने क्या गुण रखे है तब उसे हमें फ्री टाइम देकर विकसित करना चाहिए, जैसे किसीकी आवाज अच्छी होती है उसे अपनी आवाज पर काम करना चाहिए, किसीको चित्र बनाना पसंद होता है उसे अपनी चित्रकला पर काम करना चाहिए. इससे हमें ख़ुशी भी मिलेगी और पैसे भी मिल सकते है.

३. किताबे पढ़े.

किताबे सिर्फ स्कूल में या कोलेज में अच्छे मार्क्स लाने के लिए ही नहीं पढनी चाहिए, हमें किताबो को इसलिए पढ़ना चाहिए क्योकि इन किताबो में अनेको रहस्य भरे होते है, ऐसी जानकारी भरी होती है जो हमारा पूरा जीवन बदल सकती है. खासकरके हमें उन किताबो या पुरानो को पढ़ना चाहिए जो हमें आध्यात्म से जोड़े. वैसे हमारे हिन्दू धर्म में १८ पुराण है. जिन्हें पढ़कर हम अपने भगवान् को जान सकते है. जीवन में क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए यह हमें हमारे पुराण, भगवद गीता, रामचरितमानस सिखाते है. हमें हर दिन कम से कम आधा घंटा इन किताबो को पढना ही चाहिए. "भगवद गीता" जो भगवान् श्रीकृष्ण और उनके सखा अर्जुन का संवाद है, इसे पढ़कर हम परमात्मा से जुड़ जाते है, भगवद गीता में हमारी हर समस्या का समाधान लिखा है, बस हमें इसे पुरे ध्यान से पढना और अपने जीवन में अपनाना होगा. इस तरह दोस्तों हमने जाना की किताबे सिर्फ पढने के लिए नहीं बल्कि अपने जीवन को बेस्ट तरीके से जीने के लिए होती है.

४. संगीत सुने .

संगीत का जीवन पर गहरा असर पड़ता है. इसलिए हमें वैसेही गीत सुनने चाहिए जो मन को शांति दे. भजन भी संगीत ही होता है. जिससे हमारे अन्दर सद्विचार आते है, सद्विचारो से ही तो हम अपना कार्य उत्साहपूर्वक करते है. कुछ नकारात्मक संगीत भी होते है जिससे हमें चिंता होती है,बुरे बुरे ख्याल आते है उन्हें नहीं सुनना चाहिए. अच्छे संगीत (भजन) से मन एकाग्र होता है, ख़ुशी देता है, मन में जो बुरे विचार आते है उससे बचाता है. संगीत जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है.     

इस तरह दोस्तों हमने जाना की हम खाली समय में क्या कर सकते है .

|| जय श्री राधा ||

Share
Tweet
Pin
Share
No टिप्पणियाँ

|| जय श्री राधा || 

Image by Iris,Helen,silvy from Pixabay


दोस्तों आज के मोबाइल युग में हर कोई मोबाइल या टीवी देखने में व्यस्त है, किसीके पास अपने लिए समय ही नहीं है तो वह दुसरो को क्या समय देगा. जिस गति से आधुनिकीकरण बढ़ते जा रहा है उसी गति से हम अपने आप से, अपने परिवार से और प्रकृति से दूर जा रहे है. इसी वजह से हमारे संबंधो में दूरिया आ रही है, इन्ही दूरियों को मिटाने के लिए, एक अच्छा जीवनसाथी बनने के लिए यह लेख प्रस्तुत किया जा रहा है.

१. प्रेम का मतलब समझे 

दोस्तों सिर्फ I Love You बोल देना ही प्रेम नहीं होता. कोई सिर्फ सुन्दर है यह देखके हम किसीसे प्रेम नहीं कर सकते, हा आकर्षण होना स्वाभाविक ही, एक पुरुष का स्त्री की तरफ या स्त्री का पुरुष की तरफ एक आकर्षण होता ही है. लेकिन हमें भगवान् ने बुद्धि दी है जिससे हमारे अन्दर समझ होती है की हमारे लिए क्या सही है और क्या गलत है. प्रेम एक ऐसा अहसास है जिसे पाने पर कुछ भी पाने का मन न करे, प्रेम सिर्फ भगवान से ही किया जा सकता है. इस दुनिया के हर कण में भगवान् वास करते है उसी तरह हमारे जीवनसाथी में जब तक हमें भगवान् नजर नहीं आते तब तक हम सिर्फ उस इन्सान से आकर्षित है न की उससे प्रेम करते है, जिस दिन से हमें अहसास हो जाये की जिसके साथ हम है उसमे भगवान् ही है जो मेरे साथ है, तब हमें अपने जीवनसाथी से प्रेम होगा. प्रेम में कितनी ही दुरिया क्यों न हो लेकिन सिर्फ उसी के बारे में सोचना, उसे ही पाने की चाह रखना, यही प्रेम है. प्रेम के बारे में ज्यादा लिख सकू इतनी गहराई मुझमे नहीं है, क्योकि प्रेम भगवान् का ही रूप है, और भगवान् अनंत है.


२. अपने जीवन साथी को समय दे

दोस्तों समय को पैसो से ज्यादा मूल्यवान  बताया गया है क्यों ? पता है, क्योकि समय का सदुपयोग करके हम पैसे तो भरपूर कमा सकते है लेकिन बीते हुए कल को हमारे बचपन, जवानी को पूरी जिंदगी भर की गयी कमाई से नहीं खरीद सकते. इसलिए दोस्तों कितने भी हम व्यस्त हो, हमें हमारे जीवनसाथी को समय देना चाहिये. हमारा लाइफ पार्टनर हमसे कुछ नहीं चाहता, उसे सिर्फ प्रेम के कुछ पल चाहिए होते है जिसके देने पर वह रिश्ता जीवन के अंत तक आनंदपूर्वक व्यतीत होता है. 


३. एक दुसरे को सम्मान दे 

दोस्तों जितना सम्मान हम चाहते है उतना ही सम्मान हमें अपने जीवनसाथी को देना चाहिए. सम्मान रिश्ते की नीव होती है. इस नीव के मजबूत होने पर रिश्ते में विश्वास बढ़ता है. विश्वास दृढ़ होने पर हमें अपने जीवनसाथी के आलावा किसीकी चाह नहीं रहती, हमें सिर्फ अपने पार्टनर में ही सुख मिलने लग जाता है. सम्मान ही रिश्ते में मिठास भर देता है. इसलिए दोस्तों हमें अपने जीवनसाथी को सम्मान देना ही चाहिए.


४. हमारे बीते हुए कल के बारे में बताना   

सबसे महत्वपूर्ण रिश्ते में कुछ है तो वह है हमें अपने पार्टनर से कुछ छुपाना नहीं चाहिए. हमसे अनेको गलतिया हो चुकी होती है उन गलतियों पर पर्दा न डालकर हमें अपने बीते हुए जीवन के बारे में अपने जीवनसाथी को बता देना चाहिए. अपने कल के बारे में बताने से अगर हमारे जीवन में कुछ परिशानिया आती है तो वह कुछ समय तक ही रहेगी लेकिन हमें रिश्ता जीवन के अंत तक चलाना है उसके लिए हमारे जीवन साथी को हमारे बारे में पूर्ण ज्ञान होना चाहिए इससे रिश्ते में मजबूती बढ़ जाती है.


५. एक दुसरे की तारीफ करे  

हर किसीको तारीफ सुनना पसंद होता है. जब हम अपने जीवनसाथी की छोटी छोटी बातों की सच्ची तारीफ करते है तब उसे लगता है की में इस दुनिया का सबसे भाग्यशाली पति या पत्नी हु जिसे इस तरह का जीवनसाथी मिला है. जब हम अपने जीवनसाथी की तारीफ करते है तब हमारा जीवन साथी हमसे ज्यादा प्रेम करने लगता है, हमारा पूर्ण समर्पण से ख्याल रखता है, हम हमेशा खुश रहे इस तरह के अनेको उपाय करता रहता है.


आशा है दोस्तों यह लेख आपके जीवन में ख़ुशी लाये और आपका जीवन सफल बनाये.

|| जय श्री राधा ||



Share
Tweet
Pin
Share
No टिप्पणियाँ

 आलस को कैसे दूर करें?

Image by Gabor Fejes from Pixabay


आलस, वो दुश्मन जो हमें हमारे लक्ष्यों को प्राप्त करने से रोकता है। कई बार हम जानते हैं कि हमें कुछ करना चाहिए, लेकिन फिर भी उस काम को टालते रहते हैं। आलस को दूर करना कोई जादू नहीं है, बल्कि इसे दूर करने के लिए सही मानसिकता और आदतों की ज़रूरत होती है। तो चलिए जानते हैं, आलस को कैसे दूर किया जा सकता है:

0.1 नाम जप करने 

दोस्तों भगवान् का नाम जपने से हमारी एकाग्रता बढती है, एकाग्रता बढ़ने से हमारा काम करने का मन करता है और आलस धीरे धीरे कम होने लगता है.


1. स्मॉल स्टेप्स लें:

   आलस का सबसे बड़ा कारण होता है एक बड़े काम को देखकर डर लगना या घबराहट महसूस करना। इस डर को दूर करने के लिए काम को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटें। छोटे कदम उठाने से आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा और आप इसे पूरा करने में सक्षम होंगे।


2. स्पष्ट लक्ष्य बनाएं:

   जब हमें पता नहीं होता कि हमें क्या करना है, तो आलस आना स्वाभाविक है। इसलिए अपने लक्ष्य को स्पष्ट रूप से तय करें। जब हमें पता होगा कि हमें किस दिशा में जाना है, तो आलस कम होगा।


3. समय का प्रबंधन करें:

   आलस को खत्म करने के लिए समय का सही प्रबंधन बेहद जरूरी है। एक दिन का शेड्यूल बनाएं और उसपर चलें। अपने समय को बर्बाद करने की बजाय, उसे उत्पादक रूप से इस्तेमाल करें।


4. स्वास्थ्य पर ध्यान दें:

   सही आहार, पर्याप्त नींद, और व्यायाम से शरीर और दिमाग दोनों सक्रिय रहते हैं। एक स्वस्थ शरीर में आलस कम होता है। ध्यान रखें कि अगर आप शारीरिक रूप से थके हुए होते हैं, तो मानसिक आलस भी बढ़ सकता है।


5. मनोबल बढ़ाएं:

   आत्म-संवाद (self-talk) का तरीका बदलें। खुद से कहें, "मैं यह कर सकता हूँ!" सकारात्मक सोच से आलस पर काबू पाया जा सकता है। जब आप खुद पर विश्वास करेंगे, तो आपके अंदर की आलसी प्रवृत्तियाँ कम हो जाएंगी।


6. आलस का कारण पहचानें:

   कई बार आलस के पीछे कोई गहरी वजह हो सकती है जैसे कि डर, असफलता का डर, या थकावट। इन कारणों को पहचानने और उनसे निपटने की कोशिश करें। इसके लिए किसी से सलाह लेने या गहरी सोचने की जरूरत हो सकती है।


7. प्रेरणा स्रोत ढूंढें:

   कभी-कभी हमें अपनी प्रेरणा की आवश्यकता होती है। किसी किताब, फिल्म, या किसी प्रेरणादायक व्यक्ति से प्रेरणा लेकर आप आलस को मात दे सकते हैं।


समाप्ति में, आलस को दूर करना एक निरंतर प्रक्रिया है। यह कोई रातोंरात नहीं होता, लेकिन यदि आप उपरोक्त उपायों को अपने जीवन में शामिल करेंगे, तो निश्चित रूप से आप इसे काबू पा सकते हैं और सफलता की ओर बढ़ सकते हैं।


क्या आप आलस को दूर करने के लिए इनमें से कोई टिप्स पहले से आज़मा चुके हैं?


Share
Tweet
Pin
Share
No टिप्पणियाँ
Newer Posts
Older Posts

Follow Me - Jai श्री Krishna

  • Insta - सफ़र
  • Face Book
  • W - Shayari

Subscribe

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

About me

About Me

|| जय श्री कृष्णा ||

Categories

  • आदते
  • कला
  • पैसा
  • सफलता

recent posts

Blog Archive

  • जुलाई 2025 (3)
  • जून 2025 (1)
  • मई 2025 (5)
  • अप्रैल 2025 (7)
  • मार्च 2025 (4)
  • नवंबर 2024 (1)
  • अक्टूबर 2024 (1)
  • अगस्त 2024 (1)
  • जुलाई 2024 (1)
  • जून 2024 (1)
  • मई 2024 (1)
  • जनवरी 2024 (3)
  • दिसंबर 2023 (2)
  • नवंबर 2023 (1)
  • अक्टूबर 2023 (1)
  • अगस्त 2023 (1)
  • मई 2023 (2)
  • मार्च 2023 (1)
  • सितंबर 2022 (2)
  • अगस्त 2022 (2)
  • दिसंबर 2021 (1)
  • अक्टूबर 2021 (2)
  • सितंबर 2021 (1)
  • अगस्त 2021 (2)
  • जुलाई 2021 (1)
  • जून 2021 (3)

Copyright © 2021-2025 Life Adhyay All Right Reseved जय श्री राधा ThemeXpose