|| राधा राधा ||
हमारे जीवन का उदेश्य क्या है ?
हमारे जीवन का सबसे बड़ा उदेश्य है भगवान को प्राप्त करना. लेकिन भगवान को कैसे प्राप्त किया जाय इसकी हमें समझ न होने से हम छोटी छोटी कामनाओ की पूर्ति करने में ही भटकते रहते है. और भगवान् को भूल जाते है. भगवान् को भूल जाना ही अपने उद्देश्य को भूल जाना है. जो इन्सान भगवान् को भूल जाता है वह अपने आप को भूल जाता है.
अपने लक्ष को कैसे प्राप्त करे ?
दोस्तों हमारे जीवन में ऐसा कोई लक्ष नहीं है जिसे हम प्राप्त न कर पाए. हर कण में जैसे भगवान है उसी तरह हमारे अन्दर भी भगवान् है. इसलिए भगवान् हमें आसानीसे मिल सकते है क्योकि वे हमसे दूर है ही नहीं. भगवान का एक एक नाम हमें भगवान् के करीब लेकर जाता है इसलिए बार बार हर समय भगवान् का नाम ले. भगवान् का नाम लेने से मन का मैल धुल जाता है. जैसे ही हमारा मन शुद्ध हो जाता है तो भगवान् हमें हमारे ह्रदय मंदिर में दिखने लग जाते है. जीवन में सबको ख़ुशी चाहिए, और ख़ुशी के लिए हम सब पैसे कमाने में लगे हुए है. हमें ऐसा लगता है की पैसे से ही हम ख़ुशी पा सकते है. लेकिन पैसो में सुख नहीं है. जब जब हम ज्यादा पैसा कमाने के लिए भागते है उतने ही हम चिंतित रहने लग जाते है. और चिंतायुक्त व्यक्ति भला आनंदीत कैसे रह सकता है. कोई भी चीज हम नयी खरीदते है तो कुछ दिन तक हमारी सोच के कारन उसमे हमें आनंद महसूस होता है लेकिन कुछ समय बाद वह वस्तु हमें आनंद उतना नहीं देती जितना आनंद हमें उसे खरीदते समय होता है. यह सब हम महसूस कर चुके है. इसलिए दोस्तों इस दुनिया की किसी भी चीज में सच्चा सुख नहीं है , सुख है तो सिर्फ भगवान् से जुड़े रहने में. भगवान् का नाम लेकर, उनकी कथा श्रवण करके, उनका भजन करके उनसे मित्रता करके उन्हें अपना मानकर हम भगवान् से जुड़े रह सकते है, उन्हें पा सकते है.
भगवान् का नाम कैसे ले ?
भगवान् का नाम किसीभी समय किसी भी अवस्थामे कोई भी ले सकता है सुन सकता है. गुरुकृपा से हम जो भगवान् का नाम लेते है उससे हमारे किये हुए पाप नष्ट होना शुरू हो जाते है. धीरे धीरे जब हमारे पाप कम होने लगते है तो भगवान् के नाम में हमें आनंद आने लगता है. भगवान् में हमारा मन लग जाता है. जिसका भगवान् में मन लग गया है फिर उसकी सारी जिम्मेदारी भगवान् ले लेते है. फिर उस जिव को हर चीज में भगवान् है, सारे काम भगवान् कर रहे है ऐसा महसूस होने लगता है, हर जगह भगवान् दिखने लग जाते है. भगवान् का नाम हो सके तो जोर जोर से ऊँची आवाज में लेने से भगवान् जल्दी कृपा करते है. भगवान् कृष्ण खुद भगवान् होकर श्री कृपामयी राधारानी का नाम जपते रहते है.
इसतरह दोस्तों एकमात्र भगवान को पाना ही हमारा उद्देश्य होना चाहिए.
|| राधा राधा ||