लालच करने से क्या होता है ? What happens if you have too much greed ? | Jai Shree Radha | Life Adhyay
|| जय श्री राधा ||
दोस्तों जीवन में हम जितनी कम सुख सुविधाओं के साथ रह पाए उतना हमारे लिए अच्छा है. इन्सान को जितना मिलता है उसे वह कम हि लगता है, उसे लगता है की और थोडा होता तो अच्छा रहता. लेकिन जो भी चीज हमें मिली है वह हमें हमारे अच्छे या बुरे कर्मो द्वारा ही मिली है. और हम मूढ़ इन्सान भगवान को दोष देते रहते है. हम कहते रहते है की भगवान् ने मुझे कम दिया है ,कुछ भी हमारे साथ बुरा होता है तो कहते है ...भगवान् आपने हमारे साथ ऐसा क्यों किया . लेकिन कभी भगवान् की तारीफ नहीं करेंगे की भगवान् ने मुझे इतना अनमोल मनुष्य जीवन दिया है .
आज के जीवन में इन्सान पैसो के पीछे बहोत भाग रहा है. पैसा कमाना कोइ बुरा काम नहीं है . लेकिन गलत तरीकोंसे कमाना गलत बात है .आसान तरीकोंसे कमाया हुआ ,कम समय में कमाया हुआ पैसा ज्यादा देर तक नहीं रुकता. कोई भी चीज पाने के लिए समय देना पड़ता है. उसे पाने के लिए मेहनत करनी चाहिए . जिस फिल्ड में हम काम कर रहे है उसका भालीभाती ज्ञान हमें होना चाहिए,यह हमें आगे बढ़ने में मदत करता है.
आपको एक कहानी बताता हु ध्यान से सुनिए , कुछ शिष्य और गुरु एक रास्ते से जा रहे थे ,कुछ आगे चलने पर शिष्यों को सोने की मोहरों से भरी पोटली दिखाई पड़ती है .वे गुरूजी से कहते है गुरूजी देखिये वहा सोने की मोहरों से भरी पोटली पड़ी है हम उसे ले लेते है जिससे कुछ महीनो तक हमें भिक्षा मांगने की जरुरत नहीं पड़ेगी.. .तो गुरूजी कहते है ...बिलकुल नहीं ऐसा धन हमें विनाश की और ले जाता है ,अच्छा धन वही होता है जो हम खुदकी मेहनत , बुद्धि और अच्छा कर्म करके कमाते है .हम वह मोहरों से भरी पोटली नहीं लेंगे, लेकिन आज हम यह देखेंगे की इस धन से इन्सान की क्या गति होती है. वे गुरु और शिष्य एक विशाल पेड़ के पीछे छूप जाते है. कुछ समय बीतने पर उस रास्ते पर चार लुटेरे आते है. उन्हें वह पोटली दिखती है ,और वे उसे देखकर खुश हो जाते है . कहते है .... वाह आज का क्या दिन है बिना किसीको लुटे यह पोटली हमें मिल गई .चलो धन मिल गया है तो कुछ खाने का प्रबंध करते है .उनमेसे २ चोर खाना लेने चले जाते है और दो चोर वही उनका इंतजार करते है .जो चोर खाना लेने जाते है उमके मन में यह विचार आता है की क्यों न यह धन हम दोनों ले लेते है और उन दो चोरो को खाने में ज़हर डालकर मार डालते है .यह सोचकर वे खाने में ज़हर मिला देते है , उधर वे दो चोर जो इंतजार कर रहे होते है उनके मन में भी इसी तरह का विचार आता है की हम दोनों इस धन को ले लेते है ,और जैसे ही वे दो चोर खाना लेकर आते है उन्हें हम अपने चाकू से मार डालते है .ठीक वैसे ही होता है. वे दो चोर खाना लेकर आते है जिसमे ज़हर मिला होता है .जैसे ही वे खाना जमीं पर रखते है दुसरे दो चोर उन्हें चाकू से उन्हें मार डालते है .बचे दो चोर जो बहोत आनंदित होते है की आज धन सिर्फ हम दोनों में ही बटेगा . उन्हें भूक भी बड़ी लगी होती है तो वे खाना खाने बैठ जाते है .कुछ निवाले खाने के बाद ज़हर के कारन वे दो चोर भी मर जाते है .और वह धन वैसे का वैसे ही पड़ा रहता है .यह सब दृश्य गुरु और शिष्य पेड़ के पीछे से देख रहे होते है .तब गुरूजी अपने शिष्यों से कहते देखा यह धन न हमारे काम का था न उन चोरों के काम आया. इसलिए ज्यादा लालच नहीं करना चाहिए .हम जैसे है ,हमारे पास जो है , उसीमे हमें खुश रहना चाहिए .और अच्छे कर्म करने चाहिए . धन अपने आप मिलता है अगर हम किसी जरुरतमंद की मदत करे दुस्र्रो को ख़ुशी दे ,दान पुण्य करे . जीवन में हमने कभी न कभी एक बात तो जरुर सुनी होगी की हम किसी एक की मदत करे तो दस लोग हमें मदत करेंगे . आप किसीकी एक जरुरत पूरी करेंगे ,आपकी सो जरूरते भगवन पूरी करेंगे . विश्वास न हो तो खुद कोशिश कर लो .पता चल जायेगा .
धन्यववाद
सुमित तायडे
|| जय श्री राधा ||
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